शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2017

१२ ज्योतिर्लिंग

12 ज्योतिर्लिंगों का महत्व व महिमा ��

1- सोमनाथ

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत का ही नहीं अपितु इस पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है, कि जब चंद्रमा को दक्ष प्रजापति ने श्राप दिया था, तब चंद्रमा ने इसी स्थान पर तप कर इस श्राप से मुक्ति पाई थी। ऐसा भी कहा जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना स्वयं चन्द्र देव ने की थी। विदेशी आक्रमणों के कारण यह 17 बार नष्ट हो चुका है। हर बार यह बिगड़ता और बनता रहा है। 

2- मल्लिकार्जुन

यह ज्योतिर्लिंग आन्ध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नाम के पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर का महत्व भगवान शिव के कैलाश पर्वत के समान कहा गया है। अनेक धार्मिक शास्त्र इसके धार्मिक और पौराणिक महत्व की व्याख्या करते हैं। 

कहते हैं कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से ही व्यक्ति को उसके सभी पापों से मुक्ति मिलती है। एक पौराणिक कथा के अनुसार जहां पर यह ज्योतिर्लिंग है, उस पर्वत पर आकर शिव का पूजन करने से व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य फल प्राप्त होते हैं। 

3- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग 

यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी कही जाने वाली उज्जैन नगरी में स्थित है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की विशेषता है कि ये एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। यहां प्रतिदिन सुबह की जाने वाली भस्मारती विश्व भर में प्रसिद्ध है। महाकालेश्वर की पूजा विशेष रूप से आयु वृद्धि और आयु पर आए हुए संकट को टालने के लिए की जाती है। उज्जैनवासी मानते हैं कि भगवान महाकालेश्वर ही उनके राजा हैं और वे ही उज्जैन की रक्षा कर रहे हैं।

4- ओंकारेश्वर

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध शहर इंदौर के समीप स्थित है। जिस स्थान पर यह ज्योतिर्लिंग स्थित है, उस स्थान पर नर्मदा नदी बहती है और पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां ऊं का आकार बनता है। ऊं शब्द की उत्पति ब्रह्मा के मुख से हुई है। इसलिए किसी भी धार्मिक शास्त्र या वेदों का पाठ ऊं के साथ ही किया जाता है। यह ज्योतिर्लिंग औंकार अर्थात ऊं का आकार लिए हुए है, इस कारण इसे ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है।

5- केदारनाथ

केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग भी भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में आता है। यह उत्तराखंड में स्थित है। बाबा केदारनाथ का मंदिर बद्रीनाथ के मार्ग में स्थित है। केदारनाथ समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। केदारनाथ का वर्णन स्कन्द पुराण एवं शिव पुराण में भी मिलता है। यह तीर्थ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। जिस प्रकार कैलाश का महत्व है उसी प्रकार का महत्व शिव जी ने केदार क्षेत्र को भी दिया है।

6- भीमाशंकर

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पूणे जिले में सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है। भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर के विषय में मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धा से इस मंदिर का दर्शन प्रतिदिन सुबह सूर्य निकलने के बाद करता है, उसके सात जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं तथा उसके लिए स्वर्ग के मार्ग खुल जाते हैं।

7- काशी विश्वनाथ

विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह उत्तर प्रदेश के काशी नामक स्थान पर स्थित है। काशी सभी धर्म स्थलों में सबसे अधिक महत्व रखती है। इसलिए सभी धर्म स्थलों में काशी का अत्यधिक महत्व कहा गया है। इस स्थान की मान्यता है कि प्रलय आने पर भी यह स्थान बना रहेगा। इसकी रक्षा के लिए भगवान शिव इस स्थान को अपने त्रिशूल पर धारण कर लेंगे और प्रलय के टल जाने पर काशी को उसके स्थान पर पुन: रख देंगे। 

8- त्र्यंबकेश्वर

यह ज्योतिर्लिंग गोदावरी नदी के करीब महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग के सबसे अधिक निकट ब्रह्मागिरि नाम का पर्वत है। इसी पर्वत से गोदावरी नदी शुरू होती है। भगवान शिव का एक नाम त्र्यंबकेश्वर भी है। कहा जाता है कि भगवान शिव को गौतम ऋषि और गोदावरी नदी के आग्रह पर यहां ज्योतिर्लिंग रूप में रहना पड़ा। 

9- वैद्यनाथ 

श्री वैद्यनाथ शिवलिंग का समस्त ज्योतिर्लिंगों की गणना में नौवां स्थान बताया गया है। भगवान श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का मन्दिर जिस स्थान पर अवस्थित है, उसे वैद्यनाथ धाम कहा जाता है। यह स्थान झारखंड राज्य (पूर्व में बिहार ) के देवघर जिला में पड़ता है। 

10- नागेश्वर ज्योतिर्लिंग

यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के बाहरी क्षेत्र में द्वारिका स्थान में स्थित है। धर्म शास्त्रों में भगवान शिव नागों के देवता है और नागेश्वर का पूर्ण अर्थ नागों का ईश्वर है। भगवान शिव का एक अन्य नाम नागेश्वर भी है। द्वारका पुरी से भी नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी 17 मील की है। इस ज्योतिर्लिंग की महिमा में कहा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ यहां दर्शन के लिए आता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

11- रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग

यह ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरं नामक स्थान में स्थित है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के साथ-साथ यह स्थान हिंदुओं के चार धामों में से एक भी है। इस ज्योतिर्लिंग के विषय में यह मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वयं भगवान श्रीराम ने की थी। भगवान राम के द्वारा स्थापित होने के कारण ही इस ज्योतिर्लिंग को भगवान राम का नाम रामेश्वरम दिया गया है। 

12- धृष्णेश्वर मन्दिर

घृष्णेश्वर महादेव का प्रसिद्ध मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के समीप दौलताबाद के पास स्थित है। इसे घृसणेश्वर या घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। दूर-दूर से लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं और आत्मिक शांति प्राप्त करते हैं। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगोंb hv में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है। बौद्ध भिक्षुओं द्वारा निर्मित एलोरा की प्रसिद्ध गुफाएं इस मंदिर के समीप स्थित हैं। यहीं पर श्री एकनाथजी गुरु व श्री जनार्दन महाराज की समाधि भी है।

मंगलवार, 7 फ़रवरी 2017

आरक्षण अन्य देशो में

RESERVATION IN OTHER COUNTRIES
दुनिया के निम्नलिखित देशो में मिलता है आरक्षण (Reservation/Affirmative Action):-
आजकल देश में दलित (OBC, SC & ST) आरक्षण के विरोध मे आंधी सी चल रही है। आरक्षण के खिलाफ बेहूदे और बेतुके तर्क किये जाते है। सबसे पहला तर्क होता है कि दूसरे देशो मे आरक्षण नहीं दिया जाता इसलिये वे देश हमसे ज्यादा प्रगितिशील है जो बिल्कुल गलत है। विदेशो मे भी आरक्षण की पद्धति है। अमेरिका, चीन, जापान जैसे देशों में भी आरक्षण है और इसे ईमानदारी से दिया जाता है।
बाहरी देशों में आरक्षण को Affirmative Action कहा जाता है। Affirmative Action का मतलब समाज के "वर्ण " तथा "नस्लभेद" के शिकार लोगो के लिये सामाजिक समता का प्रावधान है ।
1961 को संयुक्त राष्ट्र की बैठक मे सभी प्रकार के वर्ण, नस्लभेद व रंगभेद के खिलाफ कड़ा कानून बनाया गया। इसके तहत संयुक्त राष्ट्र में सम्मिलित सभी देशो ने अपने देश के शोषित वर्ग (दलित) की मदद करके उन्हें समाज की मुख्य धारा मे स्थापित करने का निर्णय लिया। इसी फैसले के तहत ही शोषितों और वंचितो को उठाने के लिए अलग अलग देशो ने अपने अपने तरीके से आरक्षण लागु किया है।
ऊपर कहे गए देश अमेरिका, जापान और भारत के अलावा अन्य देशो ने भी आरक्षण दिया है जिन मे से कुछेक निम्नलिखित हैं :-
1. हमारे पडोसी देश पाकिस्तान मे बडी मुश्किल से 5% दलित हैं लेकिन उन्हें ईमानदारी से 6% आरक्षण दिया जाता है।
2. आरक्षण के कारण दक्षिण अफ्रीका टीम में 6 अश्वेत खिलाडियों का चयन जरूरी होता है।
3. अमेरिका में affirmative action) के तहत अश्वेतों को आरक्षण मिला हुआ है। वहां की पिक्चरों में भी अश्वेत कलाकारों का आरक्षण निर्धारित है। वहाँ कोई पिक्चर या विभाग ऐसा नहीं मिलेगा जिसमें अश्वेत/काले न हो। अमेरिका ने तो आज से 155 साल पहले 4 मार्च, 1861 को (अब्राहम लिंकन) मोची जाति को अपना राष्ट्रपति बना दिया था। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा भी एक अश्वेत, मुस्लिम और छोटे तबके के थे। तभी तो अमेरिका तरक्की की दुनिया में अन्य देशों से काफी आगे हैं। भारत में तो सम्पूर्ण हिस्सेदारी पर कुछे लोग कुंडली मारकर कब्जा जमा रखा है जबकि 50 प्रतिशत आरक्षण उन्ही 15 प्रतिशत लोगों को अप्रत्यक्ष रूप में मिल रहा है। इसीलिये वे समाज मे भ्रांति बनाये रखने के लिए आरक्षण/
हिस्सेदारी का आऐ दिन विरोध करते रहते हैं।
4. ब्राझील में आरक्षण Vestibular नाम से जाना जाता है ।
5. कनाडा में समान रोजगार का तत्व है जिसके तहत फायदा वहाँ के असामान्य तथा अल्पसंख्यकों को होता है ।
6. चीन में महिला और तात्विक अल्पसंख्यको के लिये आरक्षण है ।
7. फिनलैंड मे स्वीडीश लोगो के लिये आरक्षण है ।
8. जर्मनी में जिमनॅशियम सिस्टम है ।
9. इसरायल में Affirmative Action के तहत आरक्षण है ।
10. जापान जैसे सबसे प्रगतिशिल देश में भी बुराकूमिन लोगो के लिये आरक्षण है (बुराकूमिन जापान के हक वंचित दलित लोग हैं )
11. मॅसेडोनिया में अल्बानियन के लिये आरक्षण है ।
12. मलेशिया में भी उनकी नई आर्थिक योजना के तहत आरक्षण लागू हुआ है ।
13. न्यूजीलैंड में माओरिस और पॉलिनेशियन लोगो के लिये Affirmative Action का आरक्षण है ।
14. नॉर्वे के पीसीएल बोर्ड मे 40 % महिला आरक्षण हें।
15. रोमानिया मे शोषण के शिकार रोमन लोगों के लिये आरक्षण है ।
16. दक्षिण आफ्रिका मे रोजगार समता (काले गोरे लोगो को समान रोजगार) आरक्षण है ।
17. दक्षिण कोरिया मे उत्तरी कोरिया तथा चीनी लोगों के लिये आरक्षण है ।
18. श्रीलंका मे तमिल तथा क्रिश्चियन लोगो के लिये अलग नियम अर्थात आरक्षण है ।
19. स्वीडन मे General Affirmative Action के तहत आरक्षण मिलता है ।
अगर इतने सारे देशों में आरक्षण दिया जाता है (जिनमे कई विकसित देश भी शामिल है) तो फिर भारत का आरक्षण किस प्रकार भारत की प्रगति में बाधक है। भारत में तो लोग सबसे ज्यादा जातिभेद के ही शिकार हैं । भारतीय शुद्रो/दलितो को तो हजारों सालों से उनके मौलिक अधिकारों से ही वंचित कर गुलाम बना कर रखा। तो फिर भारतीय दलितो को आरक्षण क्यों न मिले?
जब तक भारत के सभी जाति धर्म के लोग शिक्षा, सेना, सभी प्रकार की नौकरी, संसाधन तथा सरकार में समान रुप से प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे , तब तक देश वांछनीय प्रगति नहीं कर पाएगा। अगर सभी देश प्रगति के लिए सभी लोगों को साथ लेकर चल रहे हैं तो फिर भारत क्यों नहीं।

जय संविधान.....जय भारत।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
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