रविवार, 2 अक्टूबर 2016

बाबा साहेब ने इस्तीफा क्यों दिया।

डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने कानून मंत्री के पद से इस्तीफा क्यू दिया..???*****************************मुख्य चार कारण:-
(01.) डा० बी.आर. अंबेडकर ने अनुच्छेद 340 में OBC आरक्षण के विषय मे लिखा उसकी सच्चाई
        और महत्वपूर्ण तथ्य..(1) अनुच्छेद 341 के अनुसार शेड्यूल कास्ट (SC) को 15% प्रतिनिधित्व दिया....
(2 )  अनुच्छेद 342 के अनुसार..शेड्यूल ट्राईब (ST) को 7.5% प्रतिनिधित्व दिया...और इन वर्गो का विचार              करने से पहले डा. अंबेडकर ने सर्वप्रथम OBC अर्थात अन्य पिछड़ी जातियों का विचार किया... इसीलिये           डा.अंबेडकर ने अनुच्छेद 340 के अनुसार OBC को सर्वप्रथम प्राथमिकता दी....
(3)   अनुच्छेद 340 के अनुसार OBC को 52% प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान किया, उस समय लौह-पुरूष                 "सरदार पटेल" इसका विरोध करते हुए बोले...."ये OBC कोन है"...???ऐसा प्रश्न सरदार पटेल स्वत:                  OBC होते हुए भी पूछा...!!!क्युकि उस समय तक SC और ST मे शामिल जातियों की पहचान हो चुकी            थी.... और OBC में शामिल होने वाली जातियों की पहचान....(जो आज 6500 से अधिक है) का कार्य पूर्ण        नहीं हुआ था.......कोई भी "अनुच्छेद" लिखने के बाद.. डा० अंबेडकर को उस"अनुच्छेद" को...प्रथम तीन            लोगो को दिखाना पड़ता था.....
                       1) पंडित नेहरू2) राजेंद्र प्रसाद3) सरदार पटेल..इन तीनों की मंजूरी के बाद... उस अनुच्छेद का       विरोध करने की हिम्मत किसी में नहीं थी...उस समय संविधान सभा में कुल 308 सदस्य होते थे, उसमें से       212 Congress के थे....अनुच्छेद 340, अनुच्छेद 341 और 342 के पहले है... सभी पिछड़ी जातियों को इस         महत्वपूर्ण तथ्य पर ध्यान देनाचाहिए..340 वां अनुच्छेद असल में क्या है... ???जिस समय बाबासाहब            डा० अंबेडकर ने 340 वां अनुच्छेद का प्रावधान किया और सरदार पटेल को दिखाया.. उस पर सरदार पटेल        ने बाबासाहेब से प्रश्न किया " ये OBC कौन है".... "हम तो SC और ST को ही backward मानते हैं"... ये            OBC आपने कहा से लाये......???सरदार पटेल भी बॅरिस्टर थे, और वह स्वयं OBC होते हुए भी ...उन्होंने          OBC से संबधित अनुच्छेद 340 का विरोध किया...!!!किंतु इसके पीछे की बुद्धि.. सिर्फ गांधी और नेहरू की        थी......तब डा. अंबेडकर ने सरदार पटेल से कहा... "it's all right Mr. Patel " मै आपकी बात संविधान मे डाल       देता हूँ कि" संविधान के अनुच्छेद 340 में सरदार पटेल के मुख से बोले गये वाक्य के अाधार पर ... 340 वें      अनुच्छेद के अनुसार ...इस देश के राष्ट्रपति को OBC कौन है...?? "येमालूम नहीं है"....और इनकी पहचान     करने के लिए एक "आयोग गठित" करने का आदेश दे रहे हैं "......गांधी..... नेहरू...पटेल....प्रसाद और उनकी      Congress की, OBC को प्रतिनिधित्व देने की इच्छा नहीं है... ये बाबासाहेब को दिखा देना था....परंतु 340 वें      अनुच्छेद के अनुसार राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने OBC कौन है..इन्हें पहचानने के लिए आयोग नहीं बनाया.!!      इसलिए दि. 27 Sept 1951 को बाबासाहेब ने केन्द्रीय कानून मंत्री पद से इस्तीफा दिया..मतलब OBC के          कल्याण के लिए केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले पहले और अंतिम व्यक्ति डॉ बाबासाहेब आंबेडकर         है...परंतु आज भी यह घटना अपने OBC जाति के मित्र को शायद मालूम नहीं है इस बात पर बहुत आश्चर्य     और दुख होता है.... !!!!...सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि बाबासाहेब डा. अंबेडकर को त्यागपत्र पंडित नेहरू ने     संसद में पढ़ने नहीं दिया.. !!!अंत में 10 Oct 1951 को बाबासाहेब ने यह बात संसद के बाहर प्रसार माध्यम       के सामने रखी..." यह बात उल्लेखनीय है कि...अगर संसद में "त्यागपत्र" को पढ़ने दिया जाता तो... भविष्य     में OBC को असलियत का पता चलता की OBC के लिए डा.अंबेडकर ने कानूनमंत्री पद से इस्तीफा दिया...     !!!डा. अंबेडकर ने कानूनमंत्री पद से इस्तीफा दिया उसके चार मुख्य कारण...1) अनुच्छेद 340 के अनुसार       आयोग की नियुक्ति नहीं की...2)नेहरू का परराष्ट्रीय ऐजंडा गलत था...3)हिन्दू कोड बिल...4)प्रधानमंत्री            नेहरू ने कैबिनेट वितरण में बाबासाहेब से किया भेदभाव...पर डा. अंबेडकर ने हिंदू कोड बिल के लिए              इस्तीफा दिया... इस बात का प्रचार किया जाता है... !!!इस्तीफा देने के कारण का क्रम देखा जाए तो                डा.अंबेडकरने किस बात को महत्व दिया ...आपके ध्यान में आयेगा.....।

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