एक बार एक आदमी अपने किसी उद्देश्य के लिए बहुत दूर जाना था !
घर से निकल पडा अपना उद्देश्य पूरा करने के लिए ,चलते-चलते
उसे कई पर्वत ,पहाड ,नदिया पार करनी थी ,एक शाम वह काफी दूर निकल गया
वह जगह बहुत ही वीरान थी ,वह रुकने कि जगह तलाश करने लगा !
उसे दूर एक कुटिया में दीपक जलता हुआ दिखाई दिया ,,उसने सोचा क्यों न वही
जाकर मैं रुक जाऊ !वह घर के पास पंहुचा ,और दरवाजा खटखटाया और अंदर से
एक नव युवती निकली ,,,,उसने बोला कहिये क्या बात है ,व्यक्ति ने बोला >मैं अपने उद्देश्य कि पूर्ति के लिए बहुत दूर जाना है ,इसके लिए मुझे कई पर्वत,पहाड ,नदिया पार करनी है ,मुझे काफी दूर जाना है
इसलिए मुझे आज रात रहने का ठिकाना मिल जाए तो अच्छी बात रहेगी ,,फिर मई सुबह अपने
उद्देश्य कि पूर्ति में चला जाऊँगा ,,,
महिला ने कहा >हा ठीक है रुक जाओ ,मुझे कोई परेशानी नही है ,,रात होने लगी ,खाना खाया -पिया
इर रात में सोने कि बात आई ,,तब पता चला कि उसका पति तो बाहर गांव गया हुआ है ,वह घर पर अकेली है ,,उसकी छोटी कुटिया थी इसलिए एक ही चारपाई भी थी ,,महिला ने उसके सोने के लिए चारपाई का बिस्तर लगा दिया ,और खुद सोने के लिए नीचे बिस्तर लगा लिया ,आगंतुक को चारपाई वाले बिस्तर में सुला दिया और खुद नीचे सोने लगी ,,
पर ऊपर बिस्तर में सो रहा युवक को नींद नही आ रही थी ,क्यों कि वह सोच रहा था कि ,,देखो मैं यहाँ पर आया हू और वह मेरे लिए कष्ट उठा रही है ,मुझे ऊपर सुलाया और खुद नीचे सो रही है ,,वह उठकर बैठ गया ,तो महिला ने सकुचाते हुआ पूछा क्या हो गया क्या बात है ,,
आगंतुक ने बोला मई ऊपर नही सोऊंगा ,क्यों कि मैं आप के घर में आया और आप नीचे सो रही है
,,और मैं ऊपर सो रहा हू ,,ये मुझसे नही होगा ,,आप ऊपर सो जाइए ,मैं नीचे सो जाता हू
महिला ने कहा कि >नही आप मेरे मेहमान है आप ऊपर ही सोएंगे ,,पर युवक नही माना
ऐसा करते -करते युवती मान गई ,,तब युवती ऊपर और युवक नीचे सो गया
अब युवती को ऊपर नींद नही आ रही थी ,वो ये सोचने लगी कि मेरा मेहमान नीचे सोया है ,और मैं खुद ऊपर सोई हू ,
वह उठकर बैठ गई ,उसने युवक से बोला कि आप ऊपर सो जाए ,,पर युवक भी न माना ,ऐसा तु-तु ,मैं-मैं करते हुए यह तय हुआ कि हम दोनों ही ऊपर बिस्तर में सो जाए ,और बीच में एक तकिया फंसा लेते है कोई परेशानी भी नही होगी ,,,दोनों तैयार हो गए !
दोनों रात भर अराम से सोए ,सुबह हो गई ,,
युवक फिर अपने उद्देश्य को जाने के लिए तैयार हो गया ,और युवती से विदा लेने लगा और बोला कि
मैं अपने उद्देश्य कि पूर्ति के लिए जा रहा हू और मुझे अभी तो कई पर्वत,जंगल पहाड ,नदिया पार करनी है ,तो अब मुझे विदा दो
महिला ने बोला >>आप तो अब घर लौट जाओ ,आप अपने उद्देश्य को पूरा नही कर पाएंगे
युवक >युवक सकपकाया और बोला आप ऐसा क्यों बोल रही हो
युवती >वो इसलिए कि आप व हम एक बिस्तर में सोए ,रात भर ,,और रात भर में आपने एक तकिया पार नही कर पाए तो क्या पर्वत.जंगल,पहाड ,नदिया ,क्या खाक पार कर पाओगे ,जाओ लौट जाओ
घर से निकल पडा अपना उद्देश्य पूरा करने के लिए ,चलते-चलते
उसे कई पर्वत ,पहाड ,नदिया पार करनी थी ,एक शाम वह काफी दूर निकल गया
वह जगह बहुत ही वीरान थी ,वह रुकने कि जगह तलाश करने लगा !
उसे दूर एक कुटिया में दीपक जलता हुआ दिखाई दिया ,,उसने सोचा क्यों न वही
जाकर मैं रुक जाऊ !वह घर के पास पंहुचा ,और दरवाजा खटखटाया और अंदर से
एक नव युवती निकली ,,,,उसने बोला कहिये क्या बात है ,व्यक्ति ने बोला >मैं अपने उद्देश्य कि पूर्ति के लिए बहुत दूर जाना है ,इसके लिए मुझे कई पर्वत,पहाड ,नदिया पार करनी है ,मुझे काफी दूर जाना है
इसलिए मुझे आज रात रहने का ठिकाना मिल जाए तो अच्छी बात रहेगी ,,फिर मई सुबह अपने
उद्देश्य कि पूर्ति में चला जाऊँगा ,,,
महिला ने कहा >हा ठीक है रुक जाओ ,मुझे कोई परेशानी नही है ,,रात होने लगी ,खाना खाया -पिया
इर रात में सोने कि बात आई ,,तब पता चला कि उसका पति तो बाहर गांव गया हुआ है ,वह घर पर अकेली है ,,उसकी छोटी कुटिया थी इसलिए एक ही चारपाई भी थी ,,महिला ने उसके सोने के लिए चारपाई का बिस्तर लगा दिया ,और खुद सोने के लिए नीचे बिस्तर लगा लिया ,आगंतुक को चारपाई वाले बिस्तर में सुला दिया और खुद नीचे सोने लगी ,,
पर ऊपर बिस्तर में सो रहा युवक को नींद नही आ रही थी ,क्यों कि वह सोच रहा था कि ,,देखो मैं यहाँ पर आया हू और वह मेरे लिए कष्ट उठा रही है ,मुझे ऊपर सुलाया और खुद नीचे सो रही है ,,वह उठकर बैठ गया ,तो महिला ने सकुचाते हुआ पूछा क्या हो गया क्या बात है ,,
आगंतुक ने बोला मई ऊपर नही सोऊंगा ,क्यों कि मैं आप के घर में आया और आप नीचे सो रही है
,,और मैं ऊपर सो रहा हू ,,ये मुझसे नही होगा ,,आप ऊपर सो जाइए ,मैं नीचे सो जाता हू
महिला ने कहा कि >नही आप मेरे मेहमान है आप ऊपर ही सोएंगे ,,पर युवक नही माना
ऐसा करते -करते युवती मान गई ,,तब युवती ऊपर और युवक नीचे सो गया
अब युवती को ऊपर नींद नही आ रही थी ,वो ये सोचने लगी कि मेरा मेहमान नीचे सोया है ,और मैं खुद ऊपर सोई हू ,
वह उठकर बैठ गई ,उसने युवक से बोला कि आप ऊपर सो जाए ,,पर युवक भी न माना ,ऐसा तु-तु ,मैं-मैं करते हुए यह तय हुआ कि हम दोनों ही ऊपर बिस्तर में सो जाए ,और बीच में एक तकिया फंसा लेते है कोई परेशानी भी नही होगी ,,,दोनों तैयार हो गए !
दोनों रात भर अराम से सोए ,सुबह हो गई ,,
युवक फिर अपने उद्देश्य को जाने के लिए तैयार हो गया ,और युवती से विदा लेने लगा और बोला कि
मैं अपने उद्देश्य कि पूर्ति के लिए जा रहा हू और मुझे अभी तो कई पर्वत,जंगल पहाड ,नदिया पार करनी है ,तो अब मुझे विदा दो
महिला ने बोला >>आप तो अब घर लौट जाओ ,आप अपने उद्देश्य को पूरा नही कर पाएंगे
युवक >युवक सकपकाया और बोला आप ऐसा क्यों बोल रही हो
युवती >वो इसलिए कि आप व हम एक बिस्तर में सोए ,रात भर ,,और रात भर में आपने एक तकिया पार नही कर पाए तो क्या पर्वत.जंगल,पहाड ,नदिया ,क्या खाक पार कर पाओगे ,जाओ लौट जाओ
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