मंगलवार, 15 मई 2012

''''''''''''तुमको हमारी याद आई होगी'''''''''


''''''''''''तुमको हमारी याद आई होगी'''''''''
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सावन   के   झूलों  में
खेतों   कि   मुंडेरों   पर
जब  तुमने  पेंग  मारे  होंगे
तब तुमको हमारी याद आई होगी  !!

जब   कोई  कली  चटकी  होगी
जब  कोई   फूल   खिला   होगा
उसकी खुशबू हवाओ में बिखरी होगी
तब तुमको  हमारी  याद आई  होगी  !!

जब  बुलबुल  कोई  चहकी होगी
जब  कोयल  कोई  कूकी  होगी
तब  बसंत  ऋतु  आया   होगा
तब तुमको हमारी याद आई होगी !!

नींदों   में   कभी  ख्वाब  होंगे
सखियों  में  कभी  बात   होगी
होठों पे कोई गीत गुनगुनाया होगा
तब तुमको  हमारी याद आई होगी !!

मण्डप   कही   पर  लगे होंगे
बाराती  कही  पर  सजे   होंगे
जब शहनाई कि साज बजी होगी
तब तुमको हमारी याद आई होगी !!

कंगन   कही   खनका   होगा
पायल   कही   छनकी   होगी
बिंदिया  कही   चमकी   होगी
तब मुझको तेरी याद आई होगी !!
तब मुझको तेरी याद आई होगी !!

तेरी खुशबू हवाओं में लहराई होगी !
तब तुमको हमारी याद आई होगी  !!

,,,,,,,,,,,,,,,,,, नरेन्द्र ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

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