@@@@@@ तुम @@@@@@@
किसी देवालय कि बुत हो तुम
या बसंती ऋतु हो तुम
मोरनी कि थिरकन हो तुम
या मेरे दिल कि धडकन हो तुम !!!
बसंती पवन कि पुरवाई हो तुम
आमो में खिली अमराई हो तुम
कोयल सी छुपती बार-बार ,आंचल में तुम
या छुईमुई सी शरमाई हो तुम !!!
मौसम कि अंगडाई हो तुम
खेतों सी लहराई हो तुम
कलियों सी मुस्काई हो तुम
या मेरे दिल में बजती वो शहनाई हो तुम !!!
############# नरेन्द्र कुमार #############
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