सोमवार, 21 जनवरी 2013

balak sarvan school


    """  वक्त को जिसने न समझा उसे मिटाना पड़ा  है
                      बच गया तलवार से तो फुल से कटना पड़ा  है
                      चाहे जितनी हो बड़ी ,चाहे जितनी हो कठिन
                      हर नदी कि राह से ,चट्टान को हटाना पड़ा है
                      है जगा इन्सान तो मौसम बदल कर ही रहेगा
                      जल गया है दीप तो अँधियारा ढल कर ही रहेगा """""
   
                           आज 1/21/2013  शासकीय बालक /कन्या विद्यालय में  वार्षिक

समारोह मनाया गया |इस समारोह में विद्यालय में वर्ष भर चलने वाली

गतिविधियाँ ,जिसमे साहित्यिक ,संस्कृतिक ,खेलकूद में हिस्सा लेने वाले

छात्र-छात्राएं को इस वार्षिक समारोह में पुरुस्कृत किया जाता है ,जिसमे

रंगोली,चित्रकला ,लोकगीत ,लोकगान ,भजन ,खेलकूद ,तात्कालिक भाषण

मेंढक दौड़ ,जलेबी रेस ,चम्मच रेस,चेयर रेस ,दौड़,फ़ुटबाल,क्रिकेट,खो-खो

,कबड्डी  आदि गतिविधियों को शामिल किया जाता है
            """  चिराग हो कि न हो ,दिल जला के रखते है
                     हम आंधियो में भी तेवर बाला के रखते है
                     बस खुद से ही अपनी नही बनती ,,वरना ,,
                     ज़माने भर से हमेशा ,रिश्ता , बनाके रखते है ,,,,,,
                             कार्यक्रम कि शुरुआत करने से पहले सभी अतिथियों ने माँ

सरस्वती के चरणों में दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया और सरस्वती वंदना

गई गई |
                            इस कार्यक्रम में शिरकत किया  ,,आदिवासी विकास विभाग

रतलाम कि सहायक आयुक्त श्रीमति मधु गुप्ता ,,  पूर्व जनपद अध्यक्ष सैलाना

कि श्रीमति संगीता चारेल ,वार्ड नम्बर 9 कि वार्ड पार्षद सपना खराड़ी , ग्राम

पंचायत कि सरपंच श्रीमति  सोहन बाई निनामा  आदि उपस्थित हुए |
             """अपनी मंजिल में पहुँचाना भी ,खड़े रहना भी
                    कितना मुस्किल है बड़े हो के बड़े रहना भी ,,,,,
                            इस कार्यक्रम कि अध्यक्षता ग्राम पंचायत सरवन  कि सरपंच

सोहन बाई निनामा ने किया | सभी शिक्षको -- श्रीमति अलका गुप्ता ,श्री

शिवरामन बोरीवाल ,डाक्टर मुनीन्द्र दुबे ,के.एल.वास्कले,चतुरसिंह मंडलोई

,नरेन्द्र पासी ,रीता श्रीवास्तव ,मनोज यादव (पिंकी यादव ),महावीर राठौर ,उपेन्द्र

राठौर,हेमंत सिंह राठौर ,सुनीता अम्ब ,ममता शर्मा ,शबनम खान ,आदि

उपस्थित थे |उन्होंने आये हुए अतिथियों का स्वागत पुष्प मालाओं से किया |
                            शा.बालक उमावि सरवन कि प्राचार्य महोदय  श्रीमति वंदना

डगावकर  ने विद्यालय प्रतिवेदन को पढ़ा ,एवं शा.कन्या उमावि. सरवन कि

प्राचार्य महोदय श्रीमति कल्पना सिंह चौहान ने प्रतिवेदन पढ़ा ,जिसमे विद्यालय

कि वार्षिक गतिविधियों का समावेश किया जाता है |
                            आदिवासी विकास विभाग रतलाम कि सहायक आयुक्त

श्रीमति मधु गुप्ता ने अपने भाषण के दौरान कहा कि - सभी बच्चे अब ये भूल

जाए कि पढ़ाई में कोई कठिनाई आती है क्यों कि विभाग के द्वारा छात्र-छात्राओं

को अनेक प्रकार कि निशुल्क पाठ्य-पुस्तके ,निशुल्क कोचिंग,व अन्य प्रकार

कि आर्थिक सहायता प्रदान कि जाती है ,,जुलाई से लेकर जनवरी तक समझो

समय निकल गया है ,पर अब जो समय बाकी है उसमे पुरे समय मन लगाकर

पढो और अच्छे नंबर ला कर अपने गुरुजनों,अपने माता-पिता ,गाँव,व जिले  का

नाम रोशन करो ,
                            सैलाना कि पूर्व जनपद अध्यक्ष श्रीमति संगीता चारेल ने कहा

कि शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियाँ भी आवश्यक है पढ़ाई के साथ

खेलना-कूदना ,संस्कृतिक,साहित्यिक गतिविधियों में भाग लेना आवश्यक है

,इससे विद्यार्थी का समग्र विकास होता है ,शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों

से मजबूत होता है ,,,और वर्तमान समय में जो नारी उत्पीडन हो रहा है उसमे

सभी छात्र ,सभी छात्राओं को अपनी बहिन सद्रश्य देखे ,जिससे भविष्य में होने

वाले नारी उत्पीडन से छुटकारा मिल सके |
                           कुछ मुख्य शिक्षको ने अपने वक्तव्यों को संक्षिप्त में मंच पर

पेश किया |
                          छात्र-छात्राओं को आये हुए अतिथियों के माध्यम से  पारितोषिक

वितरण किया गया ,जिसमे सहयोग प्रदान करने में ,श्रीमति फुलकुंवर सोलंकी

,ममता शर्मा ,शबनम खान ,पूजा मुंद्रा ,जोशी मैडम,सावित्री परिहार ,नीलम

शाक्य ,दीपक बारोठ,इन्दुबाला शर्मा ,
अनीता सिसोदिया,किरणराजपुरोहित,,रीता श्रीवास्तव,प्रेणना नायक आदि

शिक्षको ने सहयोग प्रदान किया |
                          अंत में श्री शिवरामन बोरिवाल  ने सभी अतिथियों का आभार

व्यक्त किया ,,,सभा विसर्जन से पहले सभी लोगो ने राष्ट्रगान को बड़ी ही

तन्मयता के साथ गया |
                      नजर-नजर में उतरना, कमाल होता है
                      नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है
                      बुलंदी पर पहुंचना कोई कमाल नही ,




                      बुलंदी पर ठहरना कमाल होता है ,,,,,

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें