बुधवार, 29 अप्रैल 2015

ज्योतिराव बनाम राधाकृष्णन

मै आपलोगों को विदेशी ब्राह्मण जात ''सर्वपल्ली राधाकृष्णन'' और मूलनिवासी बहुजन ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' दोनो के ''एजुकेशन'' के लिए किये गए कार्यो को बताउंगा ,
फिर फैसला आपलोग ही करना की किसका जन्मदिन ''राष्ट्र गुरु'' / टीचर दिवस के रूप में मनाना चाहिए ,
1)ब्राह्मण जात सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पैदा होने के 40 साल पहले से ही ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने आधुनिक भारत में एजुकेशन के फिल्ड में क्रांति सुरु कर दी थी (सबूत = ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' का जन्म 11 अप्रैल 1827 में हुआ और उन्होंने क्रांति की सुरुवात 1848 को कर ही दिया जबकि विदेशी ब्राह्मण जात ''सर्वपल्ली राधाकृष्णन'' का जन्म 5 sep 1888 को हुआ मतलब फुले की क्रांति के 40 साल बाद )!
2)''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने 1848 से शुरू कर 4 साल के अन्दर ही करीब 20 स्कूल खोल डाले ,जब की ब्राह्मण सर्वपल्ली ने एक भी स्कूल नहीं खोला !
3)''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने पिछड़ी जात के लोगो को बिना पैसे लिए एजुकेशन दिया ,जब की ब्राह्मण जात सर्वपल्ली ने जिंदगी भर पैसे की लालच में लोगो को पढ़ाया !
4)''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने खुद की जेब से पैसे खर्च कर लोगो को education दी ,जबकि ब्राह्मण जात सर्वपल्ली ने एजुकेशन देने के नाम पर खूब पैसा कमाया !
5)गाव देहातो में ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने 20 स्कूल खोले ,जब की ब्राह्मण जात सर्वपल्ली गावो में स्कूल खोलने गया ही नहीं
6)सबको बैज्ञानिक सोच वाली एजुकेशन ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने दिया ,जब की ब्राह्मण सर्वपल्ली ने ''ब्राह्मण धर्म'' (हिन्दू धर्म) की गैर बराबरी और अंधविश्वास वाली एजुकेशन का कट्टर समर्थक था !
7)''बालविवाह'' का विरोध और ''विधवा विवाह'' को बढ़ावा दिया ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने जबकि ब्राह्मण जात सर्वपल्ली बाल विवाह का समर्थक था ,और विधवा विवाह का विरोधी !
8)महिलाओं के लिए पहला स्कूल aug 1848 को ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने खोला जब की ब्राह्मण जात सर्वपल्ली स्त्री एजुकेशन का विरोधी था
9)''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने अपनी पत्नी को सबसे पकले एजुकेशन दी ,ब्राह्मण जात सर्वपल्ली ने अपनी औरत को ही अनपढ़ बनाए रख्खा !
10)''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने अपना गुरु ''छत्रपति शिवाजी महाराज'' को माना ,ब्राह्मण सर्वपल्ली ने अपना गुरु ब्राह्मण भगौड़ा ''सावरकर'' को माना !
11)''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने ''गुलामगिरी'' नमक ग्रन्थ लिख पिछड़ी जातियों को गुलामी का एहसास कराया ,जब की ब्राह्मण सर्वपल्ली ने ब्राह्मण धर्म का कट्टर समर्थन कर बहुजनो के दिमाग की नसबंदी कर उनके दिमाग को बांज बनाया !
12)किसानो को जगाने के लिए ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने किताबे लिखी जैसे ''किसान का कोड़ा'', आज से 150 साल पहले 'कृषि विद्यालय' की बात की, जब की ब्राह्मण सर्वपल्ली ने जीतनी भी किताबे लिखी सब की सब ब्राह्मण धर्म को महिमामंडित करने को लिखी !
13) सभी को एजुकेशन मुफ्त और सख्ख्ती से दिया जाय इसके लिए ''हंटर कमिसन'' (उस समय का भारतीय एजुकेशन आयोग) के आगे अपनी मांग ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने रख्खी ,जब की ब्राह्मण सर्वपल्ली बहुजनो को एजुकेशन देने का विरोधी था
14)लोगो ने ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' को ''राष्ट्रपिता'' की उपाधि दी ,ब्राह्मण सरकार ने ब्राह्मण सर्वपल्ली की चोरी की थीसिस पर उन्हें डॉ की उपाधि दी !
15) ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने ब्राह्मणों को विदेशी कहा ब्राह्मण सर्वपल्ली ने भी खुद को विदेशी आर्य ब्राह्मण कहा (बस केवल एक जगह दोनों सामान थे )

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कोई भी कॉपीराइट नहीं है ,जहा चाहे वहा भेजिए ,बस ब्राह्मणों की पोल खोलिए !!

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