समाज के गद्दार नेताओं और उनके बिकाऊ संगठनों पर कटाक्ष और पोल खोलती हमारे मिशनरी कवि की यह कविता जरूर पढ़े और आत्मचिंतन करें।
चल यार मिशन चलाते है,
खर्चे हेतु 1 संस्था बनाते है...!!!
दो चार चेलो को पाले,
उनसे नारे लगवाते है....!!!
चल यार मिशन चलाते है........1
4 मैं जोडू और 4 तू जोड़,
अपनी संख्या बढ़ायेंगे...!!!
मैं अध्यक्ष तू महामन्त्री,
ये सबको बतलायेंगे,....!!!
चन्दा बटोर कम्पनी बन,
आधा-आधा माल खाते है...!!!
*चल यार मिशन चलाते है....2
विधायक जी के पास चले,
कुछ चन्दा हिस्से आयेगा...!!!
100-100 अगर मांगे हमने,
50 तो जरूर मिल जायेगा...!!!
वरना सुन 10 हजार का ,
1 मुख्य अतिथि बनाते है...!!!
*चल यार मिशन चलाते है....3
जितना लम्बा भाषन होगा,
उतना घर में राशन होगा...!!!
भीम मिशन की आड़ में,
फिर तो अपना शासन होगा...!!!
हम है कट्टर भीम सैनिक,
दुनिया को बतलाते है...!!!
*चल यार मिशन चलाते है....4
अमा एक काम करो मियां,
एक कार्यक्रम रखवायेंगे...!!!
मंच, माला के संग माइक,
स्वागत अपना करवाएंगे....!!!
एक दो गायक, कवि,
शायर को भी बुलवाते है....!!!
*चल यार मिशन चलाते है....5
अपनी संस्था सबसे ऊँची, गला फाड़-2 बतलायेंगे...!!!
भीम मिशन को गड्ढे भीतर,
निम्न द्वार लेकर जायेंगे...!!!
ऐसे कर्मो को करने वाले,
केवल नेता कहलाते है....!!!
*चल यार मिशन चलाते है.....6
दो चार आंदोलन करके,
फ़ोटो 100 खिंचवाएंगे....!!!
व्हाट्सएप-सोशल मीडिया ,
खूब उन्हें हम फैलाएंगे...!!!
बड़ी पार्टियों से घूस को लेकर,आंदोलन को दबाते हैं...!!!
*चल यार मिशन चलाते है....7
चमचा बनकर किसी भगोने,
के अंदर हम घुस जाएंगे.....!!!
चरण में पड़कर बड़े नेता के,
मन्त्री पद भी पायेंगे.....!!!
मिशन का काम हुआ पूरा,
चल अब मौज उड़ाते है...!!!
*चल यार मिशन चलाते है.....8
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