मंगलवार, 21 मार्च 2017

एक OBC युवक साक्षात्कार

*एक OBC युवक का इंटरव्यूह*
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(युवक जिसे हिन्दू धर्म पर गर्व है। उसकी एक पत्रकार से वार्ता के कुछ अंश ........)

पत्रकार : आप किस धर्म से आते हैं ?

युवक :  हिन्दू !
          और मुझे हिन्दू धर्म पर गर्व है।
"गर्व से कहो, हम हिन्दू हैं।"

पत्रकार : हिन्दू धर्म का मूल आधार क्या है ?

युवक : वेद्-पुराण, मनुस्मृति और वर्ण- व्यवस्था है।

पत्रकार : हिन्दू धर्म में कितने वर्ण होते हैं ?

युवक : चार।

पत्रकार :चरों वर्णों के नाम बताओ ?

युवक :  चार वर्ण निम्नानुसार
            हैं :-
1. ब्राह्मण
2. क्षत्रीय
3. वैश्य
4. शुद्र

पत्रकार : क्या आप ब्राह्मण हैं ....

युवक : नहीं।

पत्रकार : क्या आप क्षत्रीय हैं....

युवक : नहीं।

पत्रकार : क्या आप वैश्य हैं ....

युवक : नहीं।

पत्रकार : (अर्थात आप ऊपर के चार वर्णों में नहीं हो) अब बताइए कौनसा वर्ण बचा ?

युवक : शुद्र।

पत्रकार : इसका मतलब तो यही हुआ क़ि आप शुद्र हैं।

युवक : अरे हाँ।
      हिन्दू धर्म के मूल सिध्दांतों के अनुसार, तो सभी obc शुद्र ही हुए।

पत्रकार : यदि आपको हिन्दू धर्म पर गर्व है, तो आप उसके सिध्दांतों को भी मानते होंगे......

युवक : हाँ।

पत्रकार : तो इसका मतलब ये हुआ की शुद्र का जन्म सिर्फ ऊपर के वर्णों की सेवा करने के लिए ही होता है।

युवक : बिल्कुल सही है। जिसे हिन्दू धर्म पर गर्व है, उसे हिन्दू धर्म के प्रत्येक सिध्दांत और नियमों को मनना ही चाहिए। और ऊपर के तीन वर्णों की सेवा ही, उसके जीवन का लक्ष्य होना चाहिए।

पत्रकार : क्या आप बता सकते हैं  क़ि sc/st क़ि स्थिति हिन्दू धर्म में कैसी है ?

युवक : हाँ ! हिन्दू धर्म में हम शूद्रों(obc) से sc/st की स्थिति बहुत ही खराब है।

पत्रकार : तो sc/st किस वर्ण में आते हैं ?

युवक : जब हम obc शुद्र वर्ण में आते हैं, तो sc/st की क्या बिसात है ? वे तो हर हाल में शुद्र वर्ण में ही आएंगे। बल्कि वे तो माह शुद्र वर्ण में आएंगे।

पत्रकार : हिन्दू धर्म में शूद्रों का क्या स्थान है ?

युवक : ऊपर के तीन वर्णों की सेवा करना। वैसे तो हिन्दू धर्म के अनुसार शूद्रों को पढ़ने, संपत्ति रखने, ज्ञान प्राप्त करने का भी अधिकार नहीं है।

पत्रकार : इसका मतलब ये हुआ क़ि हिन्दू धर्म में वर्ण है, वर्ण में जात-पांत, जात-पांत में ऊंच-नीच और छुआ-छूत, और ब्राह्मण के आगे सब नीच।
     क्या आप मानते हो क़ि हिन्दू धर्म में ऊंच-नीच है ?

युवक :  हाँ ! शतप्रतिशत है।

पत्रकार : तो क्या हिन्दू नीच होते हैं?

युवक : सब नहीं, किन्तु कुछ नीच होते हैं।

पत्रकार : कुछ से क्या मतलब ?

युवक : जो शुद्र वर्ण में हैं, वे नीच हैं।

पत्रकार : शुद्र वर्ण में कौन हैं ?

युवक : जैसे क़ि, ऊपर बताये अनुसार सारे obc, sc एवं st सब  शुद्र हैं। जिन्हें सिर्फ नीच माना जाता हैं।

पत्रकार : भारत में इनकी संख्या कितनी है ?

युवक : भारत में obc, sc एवं st की आबादी, कुल आबादी का 75% से 85% है।

पत्रकार : मतलब देश में 75 से 85 प्रतिशत हिन्दू नीच हैं।

युवक : हाँ।

पत्रकार : बताइए ! जिस धर्म में नीचों का बसेरा हो, ओ धर्म कैसे आगे बढ़ सकता है। क्या आपने कभी सोचा क़ि हिन्दू धर्म विश्व का एक मात्र धर्म है जिसमें नीच लोग होते हैं। और जिस धर्म में नीच लोग होंगे..... क्या वह धर्म भी कोई धर्म हो सकता है ?..... जरा सोचिए।

  युवक : धर्म सबको  जोड़ने का काम करता है,सबको समान मानता है
सबके विकास कि बात करता है  तोड़ने का नहीं।मुझे तो समझ ही नहीं आ रहा है क़ि मैं आज तक एक नीच का जीवन जी रहा था।

पत्रकार : तो बताइए..... अब आपको कैसे महसूस हो रहा है ?

*युवक* : पत्रकार महोदय, अब बात समझ में आई क़ि "जिस धर्म में अपनों को ही नीच समझ गया हो, उनको पढ़ने-लिखने व् सम्पति तक रखने से रोका गया हो,वह धर्म क्या खाक विकास करेगा।"

http://m.hindustantimes.com/world-news/hindus-least-educated-religious-group-in-world-says-survey/story-7tNNhrRn958MlSXZdTPzjM.html

विचार करने वाली बात है कि आजाद भारत में ब्राहमणी व्यवस्था नें प्लान बना कर SC/ST/OBC कि शिक्षा छिन ली है
यह मनुस्मृति विधान है
शिक्षा छिन लो
जानवर के स्तर पर आदमी घिर जायेगा
और जानवरों को गुलाम बनाने में हाँकने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पडती है
जैसे एक गडरिया 1000भेडों को एक लकड़ी के सहारे ही नियन्त्रित कर लेता है

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