दोस्तों आज हम आपको बताते है की आरक्षण विरोधी मुर्ख शिक्षा के कितने महान विद्वान् थे, और शिक्षा के क्षेत्र में इनकी क्या क्या उपलब्धि रही है – 1. शिक्षा के क्षेत्र में इनकी सबसे बड़ी शिक्षा थी पृथ्वी गाय के सींग और शेषनाग के फन पर टिकी हुई है । जब गाय पृथ्वी को एक सींग से दूसरे सींग पर लेती है तब भूकंप आता है ।
2. इनकी घंटागर्दी की हद देखिये मूर्ख ब्राह्मण भी विद्वान् शूद्र से बेहतर और पूज्नीय है ।
3. इनकी शिक्षा ऐसी होती थी पिता की आज्ञा ही सर्वोपरि है और पिता के कहने पर माता का सिर भी बिना किसी संकोच के काट देना चाहिए ।
4. इनकी शिक्षा इतनी बदतर थी कि एकलव्य द्रोणाचार्य जैसे किसी भी गुरु से शिक्षा प्राप्त किये बिना ही उसके शिष्यों से श्रेष्ठ धनुर्धर बन गया ।
5. इन्होने ही सबको बताया था सूर्य कोई आग का गोला नहीं है एक देवता है जो सात घोड़ो के रथ पर सवारी करता है ।
6. इन्होने ही ये बताया था कि बारिश, भूकंप, सूखा कोई प्राकृतिक घटना नहीं है बल्कि ये देवताओं के राजा इंद्र की इच्छा से होती हैं ।
7. इन्होने ही ये शिक्षा दी थी कि स्त्री किसी भी रूप में स्वतंत्र नहीं हो सकती है ।
8. इन्होने ही ये शिक्षा दी थी नारी नर्क का द्वार है लेकिन कभी उसका पालन नहीं किया और खूब भोग विलास में व्यस्त रहे ।
9. इन्होने ही ये शिक्षा दी थी पिता के घर से लड़की की डोली उठनी चाहिए और पति के घर से अर्थी । पति को मालिक भी इन्होने ही बताया और पति पत्नी के साथ जैसा चाहे व्यव्हार कर सकता है ।
10. इन्होने ही विश्व को बताया कि व्यक्ति कर्म से नहीं बल्कि जन्म से महान होता है ।
11. इन्होने ही विश्व को शांति और भाईचारे की शिक्षा दी कैसे ? कि एक मनुष्य के स्पर्श मात्र से या छाया पड़ने मात्र से ही मनुष्य अपवित्र हो सकता है और पशुओं के मलमूत्र के सेवन से पवित्र हो सकता है । इन्होने ही बताया कि मनुष्य चार प्रकार के होते हैं और इनमे से शूद्रो को कोई अधिकार नहीं होते हैं । उनका जन्म सिर्फ गुलामी करने के लिए होता है ।
12. इन्होने ही विश्व को बताया कि शुद्रो को शिक्षा प्राप्त करने का कोई अधिकार नहीं है । इनके शिक्षा प्राप्त किये बिना भी देश का विकास किया जा सकता है ।
13. इनकी ही शिक्षा थी कि समुन्द्र यात्रा करने से धर्म भ्रष्ट हो जाता है और मनुष्य गल जाता है ।
14. इनकी ही शिक्षा थी कि भोंदुओं को दान पुण्य करना ही सबसे बड़ा धर्म हैं और इनको खिलाया पिलाया दूसरे लोक में मिलता है । इन भोंदुओ ने ही कहा साथ कुछ नही जाता लेकिन जो भोंदुओ को दे दोगे वो जरुर साथ जायेगा और कई गुना मिलेगा ।
15. इनकी ही शिक्षा थी कि सूर्य और चन्द्र ग्रहण राहु केतु द्वारा सूर्य और चंद्रमा को निगलने के कारण होते हैं ।
16. इन्ही भोंदुओ की शिक्षा कि भोंदुओ को कभी नाराज नहीं करना चाहिए वर्ना भोंदू शाप देकर भष्म कर सकते हैं । कोई पशु पक्षी बना सकते हैं ।
17. भोंदुओ की ही शिक्षा थी कि पत्नी को भी पति की चिता पर ही जलकर मर जाना चाहिए ।
18. इनकी शिक्षा की वजह से ही भारत में सबसे पहले परखनली शिशु पैदा हुए जिन पर लागत भी बहुत कम आती थी । ये बच्चे छींकने थूकने मूतने से ही पैदा हो जाते थे ।
19. इन्होने ही विश्व को सर्जरी करनी सिखाई । इनकी सर्जरी इतनी उन्नत होती थी कि ये आदमी को पशु और पशु को आदमी बना सकते थे । कोई अंतर कर पाना ही संभव नहीं था कि ये पशु है या इन्सान या देवता ।
20. इनकी शिक्षा का महत्तव इसी बात से पता चल जाता है कि आज संस्कृत अंतर्राष्ट्रीय भाषा है और सभी देशों में संस्कृत को अनिवार्य विषय के रूप में पढाया जाता है ।
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