*** जानो और जागो ***
लेख थोड़ा लम्बा है समय निकाल कर अवश्य ही पढें।
"जिसकी जितनी संख्या भारी,
उसकी उतनी हिस्सेदारी"
देश के 80 करोड़ सोए हुए ओबीसी को अब जगाओ।
भारत में लोकतंत्र लागू है पर इन 69 वर्षों में सरकारों ने यहां ब्राह्मणतंत्र स्थापित कर लिया है।
ये रहे सबूत--
(1) राष्ट्रपति - प्रणव मुखर्जी - ब्राह्मण
(2) प्रधानमंत्री - नरेंद्र मोदी - बनिया
(3) गृहमंत्री - राजनाथ सिंह - ठाकुर
(4) विदेशमंत्री - सुषमा स्वराज - ब्राह्मण
(5) वित्तमंत्री - अरूण जेटली - ब्राह्मण
(6) रक्षामंत्री - मनोहर पारीकर - ब्राह्मण
(7) सड़क एवं परिवाहन मंत्री - नितिन गडकरी - ब्राह्मण
(8) महिला एवं बालविकास मंत्री - मेनका गांधी - ब्राह्मण
(9) लोकसभा स्पीकर - सुमित्रा महाजन - ब्राह्मण
(10) प्रधानमंत्री के मुख्यसचिव - नृपेंद्र मिश्रा - ब्राह्मण
(11) राष्ट्रपति कार्यालय में कुल 49 अधिकारी काम करते है। जिनमें ओबीसी के होने थे 32, जबकि हैं केवल 0 सामान्य के होने थे 7, जबकि है 49
(12) प्रधानमंत्री कार्यालय में कुल 53 अधिकारी काम करते हैं, जिनमें ओबीसी के होने थे 34, जबकि हैं केवल 0 सामान्य के होने थे 8, जबकि है 53
(13) विदेशी दूतावास में कुल 140 अधिकारी काम करते हैं, जिनमें ओबीसी के होने थे 91, जबकि हैं केवल 0, सामान्य के होने थे 21 , जबकि है 140
(14) भारत सरकार में कुल 96 सचिव हैं, जिनमें ओबीसी के होने थे 55, जबकि हैं केवल 0, सामान्य के होने थे 13 , जबकि है 96
(15) भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल में कुल 27 मंत्री हैं। जिनमें ओबीसी के होने थे 18 , जबकि हैं केवल 1, सामान्य के होने थे 4, जबकि है 20
टाप 10 मंत्रीयों में तो एक भी ओबीसी नहीं है।
(16) भारत में कुल 4657 आई.ए.एस. हैं। जिनमें ओबीसी के होने थे 3027, जबकि हैं केवल 655 सामान्य के होने थे 699, जबकि है 2993
(17) देश के 18 राज्यों के हाईकोर्ट में कुल 481 जज हैं, जिनमें ओबीसी के होने थे 313, जबकि हैं केवल 36 सामान्य जाति को होने थे 72, जबकि है 426
(18) मध्यप्रदेश के हाईकोर्ट में कुल 30 जज हैं। जिनमें से ओबीसी के होने थे 20, जबकि हैं केवल 0, सामान्य जाति के होने थे 5, जबकि हैं 30
(19) भारत के सुप्रीम कोर्ट में कुल 23 जज हैं। जिनमें ओबीसी के होने थे 15, जबकि हैं केवल 0, सामान्य जाति के होने थे 3, जबकि हैं 23
(20) भारत के 46 विश्वविद्यालयों में कुल 46 कुलपति हैं। जिनमें ओबीसी के होने थे 30, जबकि हैं केवल 0, सामान्य के होने थे 16, जबकि हैं 46
(21) बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में कुल 670 प्रोफेसर हैं, जिनमें ओबीसी के होने थे 435, जबकि हैं केवल 0, सामान्य जाति के होने थे 100, जबकि हैं 670
(22) दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में कुल 249 प्रोफेसर हैं। जिनमें ओबीसी के होने थे 162, जबकि हैं केवल 0, सामान्य जाति के होने थे 37, जबकि हैं 249
(23) जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में कुल 470 प्रोफेसर हैं। जिनमें से ओबीसी के होने थे 305, जबकि हैं केवल 2, सामान्य जाति के होने थे 70, जबकि हैं 426
(24) आई.आई.एम. लखनऊ में कुल 40 प्रोफेसर हैं, जिनमें से ओबीसी के होने थे 26, जबकि हैं केवल 1, सामान्य जाति के होने थे 6, जबकि हैं 30
(25) भारत सरकार के कार्मिक मंञालय की रिपोर्ट 13 फरवरी 2012 के अनुसार दिनांक 01/12/10 तक विभिन्न वर्गों की नौकरी में संख्या और प्रतिनिधित्व निम्न प्रकार है-
प्रथम श्रेणी में :-
वर्ग संख्या आरक्षण
सामान्य (15%) - 75.5%,
ओबीसी (65%) - 8.4%
द्वितीय श्रेणी में :-
सामान्य (15%) - 72.2%,
ओबीसी (65%) - 6.1%
तीसरी श्रेणी में :-
सामान्य (15%) - 61.9%
ओबीसी (65%) - 14.8%
चतुर्थ श्रेणी में :-
सामान्य (15%) - 59%
ओबीसी (65%) - 15.2%
(26) देश के उद्योग जगत की विभिन्न कंपनियों के बोर्ड मेम्बरों की स्थिति निम्न हैं।
Gen -15% - हैं -92.6%
Sc/St-22% - हैं -3.5%
OBC - 65% -हैं -3.8%
(27) म.प्र. की विधानसभा की कुल 230 सीटों में से:-
वर्ग संख्या आरक्षण
Sc - 15% - सीटें- 35
St - 20% - सीटें- 47
OBC - 65% - सीटें- 00
(28) भारत की लोकसभा में कुल 543 सीटें हैं, जिनमें :-
Sc - 15% - सीटें - 84
St - 7.5% -सीटें - 47
Obc - 65% - सीटें - 00
(29) देश में आरक्षण की स्थिति :-
वर्ग संख्या आरक्षण
Sc - 15% - 15%
St - 7.5% - 7.5%
Obc- 65% - 27%
ओबीसी के आरक्षण में क्रीमीलेयर लगाया है जो कि पूर्णयता असंवैधानिक है।
(30) मध्यप्रदेश में वर्तमान में आरक्षण की स्थिति :-
वर्ग संख्या आरक्षण
एससी - 16% - 16%
एसटी - 20% - 20%
ओबीसी- 65% - 14%
जबकि ओबीसी को केरल में 40%, बिहार में 34%, कर्नाटका में 32% और महाराष्ट्रा में 32% और तमिलनाडू में 50% आरक्षण है।
(31) सवर्णों का नौकरी में 79% हिस्सा होने के बाद भी हाल ही में राजस्थान हाईकोर्ट ने संविधान के विरूद्ध जाकर उन्हे 14% आरक्षण दिया है।
(33) संविधान द्वारा गठित मंडल कमीशन ने ओबीसी के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण दिया, परन्तु सुप्रीमकोर्ट ने 16 नबम्वर 1992 को फैसला देकर उस पर रोक लगा कर ओबीसी के साथ धोखा किया है।
(33) हाल ही में गुजरात, राजस्थान और उ.प्र. हाईकोर्ट ने तथा सुप्रीमकोर्ट ने आरक्षण के संबंध में संविधान के विरूद्ध फैसले दिये हैं। इससे लगता है कि लोकतंत्र, संविधान और आरक्षण बड़े खतरे में है।
(34) 100 दिन के लिये मुझे सत्ता दे दो। यदि काला धन वापस नहीं ला पाया तो मुझे फांसी दे देना।
-- नरेंद्र मोदी -- 3 फरवरी 2013
(35) 3% ब्राह्मण, जो ग्राम पंचायत का चुनाव भी नहीं जीत सकता है वो देश की पंचायत (संसद) पर कब्जा जमायें बैठा है।
(36) सरकारी विद्यालयों का निजीकरण नहीं बल्कि निजी विद्यालयों का राष्ट्रीयकरण होना चाहिये।
(37) पाकिस्तान में पेट्रोल 26 रू. लीटर है तो भारत में 68 रू. लीटर क्यों है ?
(38) संस्कृत से पी.एच.डी. किया हुआ एक एस सी, ओबीसी को मंदिर में पूजा करवाने का अधिकार नहीं है, लेकिन एक पांचवी फेल ब्राह्मण को सभी अधिकार हैं, क्यों ?
3000 सालों से चला आ रहा कैसा आरक्षण है यह ?
(39) देश के 4 बड़े मंदिरों में प्रतिदिन 8 करोंड़ रू का चढावा आता है। इस पर 100% अधिकार ब्राह्मणों का ही क्यों है ? यदि यही मंदिरों की संपत्ति देशवासियों में बाट दी जाये तो सभी करोड़पति हो सकते हैं।
(40) म.प्र. सरकार पर 125 हजार करोड़ का कर्ज है। प्रत्येक व्यक्ति पर 12000 रू.है।
(41) अमेरिका देखा, पेरिस देखा, और देखा जापान .
कनाडा देखा, चाईना देखा, सब देखा मेरी जान..
मगर न देखी उजड़ी खेती, और मरता मजदूर किसान ......
(42) किसान प्रेम प्रसंग के कारण आत्महत्या कर रहें - राधामोहन सिंह - केंद्रीय कृषिमंत्री
(43) म.प्र. में किसानों की फसल का 2136 करोड़ का बीमा हुआ। 141 करोड़ रू. की प्रीमियम कंपनी को दी गई। जब किसानों को मुआवजा देने की बारी आई तो केवल 1.65 करोड़ रू ही क्यों दिये गये ??
(44) केंद्र की पिछली सरकार में कृषि बजट 20,208 करोड़ रू था, मोदी सरकार ने 13,523 करोड़ रू कर दिया। कटौती - 7685 करोड़ रू की।
(45) भारत में एक दिन में 46 किसान आत्महत्या करते है।
1995 से 2013 के बीच 2,96,438 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
(46) भारत सरकार के स्वास्थ बजट में पिछली सरकार में 35,163 करोड़ रू का प्रावधान था। इस बार मोदी सरकार ने 29,653 करोड रू का प्रावधान किया है। कटौती - 5510 करोड़ रू की।
(46) पिछली सरकार ने मजदूरों के लिये 4233 करोंड़ रू का प्रावधान किया था। इस बार मोदी सरकार ने 3966 करोड़ रू का प्रावधान किया है कटौती- 257 करोड़ रू की।
(47) पुलिस सुधार फंड में 1500 करोड़ की कटौती।
(48) इस सरकार नें एससी/एसटी के बजट में 32000 करोड़ की कटौती की है।
(49) करदाताओं के पैसे पर मौज कर रहे है उद्योगपति- रघुराज रंजन - गवर्नर भारतीय रिजर्व बैंक
(50) 30,000 करोड़ की सबसिडी के बाद टाटा नैनों बंद, 6000 करोड़ का कर्जा पचाकर विजयमाल्या ऐश करता है। 36 उद्योगपतियों पर बैंक का 4.5 लाख करोड़ का कर्जा को एन.पी.ए. घोषित किया। वसूली संभव नही।
वहीं एक किसान का 1 लाख का कर्जा होने पर उसकी 10 एकड़ जमीन नीलाम कर दी जाती है। क्यों ?
(51) कर्ज में डूबे रहने के बाद भी मोदी सरकार ने अडानी को दिया 6200 करोड़ रू का कर्जा।
(52) देश में प्रतिवर्ष 35 लाख युवा ग्रेजुएट होते है, तथा 65 लाख युवा 12 वीं पास करते हैं। परन्तु सरकार ने 30 लाख जाॅब की छंटनी की है।
(53) अर्जुन सेन गुप्ता कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार :- देश में 29 करोड़ लोग भुखमरी के शिकार हैं, 83 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन जी रहे हैं।
(54) प्रत्येक बर्ष 4 लाख 20 हजार बच्चे कुपोषण के कारण गर्भ में ही मर जाते हैं।
(55) प्रतिवर्ष 5 साल की आयु तक के 10 लाख बच्चे कुपोषण के कारण मर जाते हैं -- नवभारत टाइम्स
जागो भाईयों कहीं देर ना हो जायें। देश की रक्षा करना है।
अपने बच्चों के भविष्य को बर्बाद होने से बचाना है, अपना धन, मान सम्मान और बहिनों की इज्जत की सुरक्षा के लिये आगे आयें।
लेख की साम्रगी - विभिन्न समाचार पत्रों, मंडल आयोग की रिपोर्ट, लोकसभा में लगाये प्रश्न, आर.टी.आई., विभिन्न कमीशनों की रिपोर्ट और विभिन्न लेखकों की पुस्तकों पर आधारित है।
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