बुधवार, 9 दिसंबर 2015

वीरा पासी

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........वीरा पासी का जन्म सन 1835 ई0 मे
रायबरेली के गोविन्द पुर गाँव मे हुआ था । ये
रायबरेली मे शंकरपुर रियासत के राजा राना बेनी
माधव सिंह के अंगरक्षक थे । जब अग्रेंज राजा को
बंन्दी बनाके ले गये थे ,तब वीरा
पासी ही राजा को छुङा के लाये थे 50 से
अधिक अगेंज सिपाहियो को मौत के घाट उतार कर ।
तब राजा ने खुश
होकर इनको राज्य का सेनापति नियुक्त किया था
ईनके नाम से अग्रेंज
कॉपते थे,और अग्रेंज इनसे इतना डरने लगे थे कि,,अग्रेंजो
ने इन पर
50000 रू ईनाम घोषित किया ,जी हाँ 50 हजार रू।
जिसका उचित प्रामाण आज भी लंदन मे रख्खा है उस
जमाने मे जो भारतीय इतिहास मे पहली बार
था ,नही तो अग्रेंज 2 या 5 रू ही ईनाम
घोषित करते थे,,ये वीरा पासी जी
का भय था अग्रेंजो मे ,कि ऐसा करना पङा। लेकिन
वीरा
जी को पकङ ना सके ,अगेंजो द्वारा राजा के हत्या
के बाद
वीरा पासी छापेमार तरीके से देश
के लिऐ लङते रहे ,लेकिन कभी अग्रेंजो के हाथ ना
आये,। ये तो जातिगत राजनीती का खेल था
जिसके कारण ईनका नाम ईतिहास मे गुमनाम कर
दिया गया क्योकि इनके
नाम के आगे पासी लगा था, कही अगर
पान्डे लगे होता तो इन्को भी मंगल पान्डे के साथ
इतिहास
मे शामिल कर लिया जाता,,,वह रे जातिवाद
Jai ho yese mahan veer yoddha

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