मंगलवार, 14 जून 2016

वचन -01

दोगलेे, मूलनिवासियों, फर्जी   अम्बेडकरवादियों की 22 प्रितिज्ञाएं लाल कलर में (red color) में... (हेम)

1- मैं ब्रह्मा, विष्णु और महेश इनको ईश्वर नहीं मानूँगा और ना ही इनकी पूजा करूँगा।

��लेकिन इनकी तस्वीर घर की मुख्य दिवार पर लटकाउंगा। और अपनी बीबी से रात दिन पूजा करवाऊंगा।

2- मैं राम और कृष्ण को ईश्वर नहीं मानूँगा और ना ही इनकी उपासना करूँगा।

��लेकिन सपरिवार मंदिर जाकर इनकी मूर्ति पर माला डालूँगा, प्रसाद चढ़ाऊंगा, दान दे कर आऊंगा।

3- मैं गौरी-गणपति इत्यादि हिन्दू धर्म के किसी देवी देवता को नहीं मानूँगा और ना ही इनकी उपासना करूँगा।

��लेकिन शादी के कार्ड और सभी कार्यो में इनकी फ़ोटो छपवाउंगा।

4- ईश्वर ने अवतार लिया है इस पर मेरा विश्वास नहीं है।

��लेकिन कहीं न कहीं कोई ईश्वर है इसे मैं मानता हूँ।

5- तथागत बुद्ध विष्णु के अवतार हैं यह झूट और बुद्धहीन प्रचार है।

��लेकिन विष्णु भगवान है क्योंकि मैं उनको पूजता हूँ।

6- ना मैं श्राद्ध करूँगा और ना ही मैं पिंडदान करूँगा।

��लेकिन अपनी पत्नी से कहूँगा वो श्राद्ध करेगी और कौओं को खीर खिलायेगी।

7- मैं बौद्ध धर्म के विरुद्ध किसी भी प्रकार का आचरण नहीं करूँगा।

��लेकिन मैं तो केवल आरक्षण लेने के लिए अम्बेडकरवादी हूँ मैं बौद्ध थोड़े ही हूँ मैं हिन्दू हूँ।

8- मैं कोई भी कार्यक्रम ब्राह्मणों से नहीं करवाऊंगा।

��लेकिन मेरा गृह प्रवेश, नामकरण, शादी, सगाई, जन्मदिन समारोह, राजनैतिक पार्टी यहाँ तक की मौत में भी ब्राह्मण पंडित को ही बुलवाऊंगा।

9- सभी मनुष्य मात्र सामान है ऐसा मैं मानता हूँ।

��लेकिन फिर भी ब्राह्मण उच्च है उन्हें हर काम में आगे रखता हूँ।

10- मैं समता स्थापित करने का प्रयत्न करूँगा।

��लेकिन जब कोई ब्राह्मण-बनिया मुझे चमार-चूहड़ा-धानुक-ग्वाला-अहीर-मोची-रंगड़ कहेगा तो उसका स्वागत करूँगा विरोध तो कतई नहीं करूँगा।

11- मैं बुद्धा के बताये मार्ग पर चलूँगा।

��लेकिन राम कृष्ण की आरती अपनी बीबी-बच्चों के साथ पहले ही उतारूँगा।

12- मैं तथागत बुद्ध की 10 परिमताओ का पालन करूँगा।

��लेकिन वो कौन से परिमता हैं मुझे नहीं पता।

13- मैं सभी प्राणियों के प्रति दया भाव रखूँगा।

��लेकिन अपने लोगो की तरक्की होते देख उनकी टांग खेंचूंगा, उन्हें आगे नहीं बढ़ने दूंगा।

14- मैं चोरी नहीं करूँगा।

��लेकिन हमारे यहाँ चोरी होगी तो उसका विरोध तो बिलकुल नहीं करूँगा।

15- मैं झूट नहीं बोलूंगा।

��क्योंकि मैं पक्का आंबेडकरवादी हूँ जैसा की मैंने बताया कि मैं सभी 22 प्रतिज्ञा मानता हूँ।

16 - मैं व्यभिचार नहीं करूँगा।

��लेकिन अपनी बीबी बच्चों को घर से बाहर निकाल-निकाल कर मोहल्ले वालो के सामने पिटूँगा।

17- मैं शराब नहीं पिऊंगा।

��वो भी सुबह-सुबह, लेकिन शाम को जितना कमाऊँगा उससे ज्यादा की शराब पी कर आऊंगा।

18 - ज्ञान, शील और करुणा इन तीनो तत्वों का समन्वय करते हुए मैं अपने जीवन को ढालूँगा।

��लेकिन ज्ञान पढ़ने से मिलेगा जिसके लिए मेरे पास टाइम नहीं , शील मैं बन नहीं सकता, करुणा मैं अपनी बीबी बच्चों को मार-पीटकर दिखा देता हूँ।

19- मैं अपने पुराने, मनुष्य मात्र के उत्कर्ष के लिए हानिकारक और मनुष्य मात्र को असमान तथा नीच मानने वाले हिन्दुधर्म अर्थात ब्राह्मणधर्म का त्याग करता हूँ।

��लेकिन होली-दीवाली, भैयादूज-रक्षाबंधन, दशहरा -जन्मअष्ठमी सभी त्यौहार मनाऊंगा तथा सभी 9 व्रत अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रखूँगा।

20- बुद्ध वह सद्धर्म है ऐसा मैं समझता हूँ।

��लेकिन उसका महत्व मुझे नहीं पता।

21- आज मुझे नया जीवन मिला ऐसा मैं मानता हूँ।

��लेकिन दुनिया को दिखाने के लिए, अंदर से मैं पहले जैसा ही हूँ रूढ़िवादी, कर्मकांडों व अन्धविश्वाश से भरा।

22- मैं बुद्ध की शिक्षा के अनुसार आचरण करूँगा ऐसी मेरी प्रितिज्ञा है।

��कौन सी प्रितिज्ञा ? कैसी प्रितिज्ञा? तथागत बौद्ध तो हिन्दू धर्म का हिस्सा हैं।

जय भीम के पहले जय मूलनिवासी बोलता हूं.

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