दोगलेे, मूलनिवासियों, फर्जी अम्बेडकरवादियों की 22 प्रितिज्ञाएं लाल कलर में (red color) में... (हेम)
1- मैं ब्रह्मा, विष्णु और महेश इनको ईश्वर नहीं मानूँगा और ना ही इनकी पूजा करूँगा।
लेकिन इनकी तस्वीर घर की मुख्य दिवार पर लटकाउंगा। और अपनी बीबी से रात दिन पूजा करवाऊंगा।
2- मैं राम और कृष्ण को ईश्वर नहीं मानूँगा और ना ही इनकी उपासना करूँगा।
लेकिन सपरिवार मंदिर जाकर इनकी मूर्ति पर माला डालूँगा, प्रसाद चढ़ाऊंगा, दान दे कर आऊंगा।
3- मैं गौरी-गणपति इत्यादि हिन्दू धर्म के किसी देवी देवता को नहीं मानूँगा और ना ही इनकी उपासना करूँगा।
लेकिन शादी के कार्ड और सभी कार्यो में इनकी फ़ोटो छपवाउंगा।
4- ईश्वर ने अवतार लिया है इस पर मेरा विश्वास नहीं है।
लेकिन कहीं न कहीं कोई ईश्वर है इसे मैं मानता हूँ।
5- तथागत बुद्ध विष्णु के अवतार हैं यह झूट और बुद्धहीन प्रचार है।
लेकिन विष्णु भगवान है क्योंकि मैं उनको पूजता हूँ।
6- ना मैं श्राद्ध करूँगा और ना ही मैं पिंडदान करूँगा।
लेकिन अपनी पत्नी से कहूँगा वो श्राद्ध करेगी और कौओं को खीर खिलायेगी।
7- मैं बौद्ध धर्म के विरुद्ध किसी भी प्रकार का आचरण नहीं करूँगा।
लेकिन मैं तो केवल आरक्षण लेने के लिए अम्बेडकरवादी हूँ मैं बौद्ध थोड़े ही हूँ मैं हिन्दू हूँ।
8- मैं कोई भी कार्यक्रम ब्राह्मणों से नहीं करवाऊंगा।
लेकिन मेरा गृह प्रवेश, नामकरण, शादी, सगाई, जन्मदिन समारोह, राजनैतिक पार्टी यहाँ तक की मौत में भी ब्राह्मण पंडित को ही बुलवाऊंगा।
9- सभी मनुष्य मात्र सामान है ऐसा मैं मानता हूँ।
लेकिन फिर भी ब्राह्मण उच्च है उन्हें हर काम में आगे रखता हूँ।
10- मैं समता स्थापित करने का प्रयत्न करूँगा।
लेकिन जब कोई ब्राह्मण-बनिया मुझे चमार-चूहड़ा-धानुक-ग्वाला-अहीर-मोची-रंगड़ कहेगा तो उसका स्वागत करूँगा विरोध तो कतई नहीं करूँगा।
11- मैं बुद्धा के बताये मार्ग पर चलूँगा।
लेकिन राम कृष्ण की आरती अपनी बीबी-बच्चों के साथ पहले ही उतारूँगा।
12- मैं तथागत बुद्ध की 10 परिमताओ का पालन करूँगा।
लेकिन वो कौन से परिमता हैं मुझे नहीं पता।
13- मैं सभी प्राणियों के प्रति दया भाव रखूँगा।
लेकिन अपने लोगो की तरक्की होते देख उनकी टांग खेंचूंगा, उन्हें आगे नहीं बढ़ने दूंगा।
14- मैं चोरी नहीं करूँगा।
लेकिन हमारे यहाँ चोरी होगी तो उसका विरोध तो बिलकुल नहीं करूँगा।
15- मैं झूट नहीं बोलूंगा।
क्योंकि मैं पक्का आंबेडकरवादी हूँ जैसा की मैंने बताया कि मैं सभी 22 प्रतिज्ञा मानता हूँ।
16 - मैं व्यभिचार नहीं करूँगा।
लेकिन अपनी बीबी बच्चों को घर से बाहर निकाल-निकाल कर मोहल्ले वालो के सामने पिटूँगा।
17- मैं शराब नहीं पिऊंगा।
वो भी सुबह-सुबह, लेकिन शाम को जितना कमाऊँगा उससे ज्यादा की शराब पी कर आऊंगा।
18 - ज्ञान, शील और करुणा इन तीनो तत्वों का समन्वय करते हुए मैं अपने जीवन को ढालूँगा।
लेकिन ज्ञान पढ़ने से मिलेगा जिसके लिए मेरे पास टाइम नहीं , शील मैं बन नहीं सकता, करुणा मैं अपनी बीबी बच्चों को मार-पीटकर दिखा देता हूँ।
19- मैं अपने पुराने, मनुष्य मात्र के उत्कर्ष के लिए हानिकारक और मनुष्य मात्र को असमान तथा नीच मानने वाले हिन्दुधर्म अर्थात ब्राह्मणधर्म का त्याग करता हूँ।
लेकिन होली-दीवाली, भैयादूज-रक्षाबंधन, दशहरा -जन्मअष्ठमी सभी त्यौहार मनाऊंगा तथा सभी 9 व्रत अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रखूँगा।
20- बुद्ध वह सद्धर्म है ऐसा मैं समझता हूँ।
लेकिन उसका महत्व मुझे नहीं पता।
21- आज मुझे नया जीवन मिला ऐसा मैं मानता हूँ।
लेकिन दुनिया को दिखाने के लिए, अंदर से मैं पहले जैसा ही हूँ रूढ़िवादी, कर्मकांडों व अन्धविश्वाश से भरा।
22- मैं बुद्ध की शिक्षा के अनुसार आचरण करूँगा ऐसी मेरी प्रितिज्ञा है।
कौन सी प्रितिज्ञा ? कैसी प्रितिज्ञा? तथागत बौद्ध तो हिन्दू धर्म का हिस्सा हैं।
जय भीम के पहले जय मूलनिवासी बोलता हूं.
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