भारत का संविधान बाबा साहब आंबेडकर नें अकेले ही लिखा है ।
इसका सबूत है यह पोस्ट।
यह पोस्ट उन ब्राह्मणवादियों को समर्पित है जो
कहते हैं की भारतीय संविधान कमेटी के सभी
सदस्यों ने मिलकर लिखा है ।
भारत की आजादी में हमारे बाबा साहब का
योगदान और भारतीय संविधान की कुछ
महत्वपूर्ण बाते::-
1- पकिस्तान को भारत से एक दिन पहले
आजादी मिल गई थी वो इसलिए की जिन्ना ने
पकिस्तान का संविधान बनाने का मसौदा पेश
कर दिया था और भारत के नेता गण इस मामले में
सोच में डूबे हुए थे और विभिन्न देशोँ से संविधान
की कॉपी मांग रहे
थे जिसे विश्व के समस्त देशो ने इनकार कर
दिया था इस वजह से भारत की आजादी रुक गई
थी की भारत को अगर आजाद कर दिया जाय
तो किस विधान पर ये देश चलेगा ?
2- तब जवाहर लाल नेहरु को ब्रिटेन की
महारानी ने बुलाकर सलाह दी की तुम
संविधान के लिए यहाँ वहा भटक रहे हो जब की
सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध विद्वान डॉ अम्बेडकर
तुम्हारे देश में है । इतना सुनते ही नेहरु की बुद्धि
खुल गई और वह भाग कर बाबा साहेब
डोक्टर आंबेडर के पास आये और निवेदन किया
की आप अगर भारत के संविधान का मसौदा पेश
कर देते हैं तो हमें अतिशीघ्र आजादी मिल
जायेगी ।
3- कुछ लोग डॉ. आंबेडकर का विरोध तो कर रहे
थे लेकिन उन लोगो में योग्यता का आभाव होने
के कारण उन्होंने अम्बेडकर का समर्थन किया ।
4- तब जाकर 24 घंटे में डाक्टर आंबेडकर ने संविधान
का मसौदा पेश कर दिखाया जिसकी पूरे
विश्व में सराहना हुई और 15 अगस्त 1947 को
भारत आजाद हुआ लेकिन 3 साल तक भारत
में ब्रिटेन का गवर्नर बना रहा ताकि मसौदे के
अनुसार संविधान पूरा हो सके ।
5- जब संबिधान के प्रारूप समिति का गठन हुआ
तो उसमे 6 लोग थे
गोविन्दबल्लभ पन्त,
कनियालाल मुंशी,
कृष्णास्वामी अय्यर,
एन. गोपाल स्वामी,
बी.एल. मिट्टर ,
मोहम्मद सदौल्लाह, थे।
इनमेँ 2 लोग तो स्वर्गवासी हो गए। 2 लोग
विदेश
जा कर बस गए और एक की तबीयत ख़राब रहती
थी तो उन्होंने जवाब दे दिया और गोविन्द
बल्लभ पन्त भी देश की राजनीति में व्यस्त रहते थे
इसलिए उन्होंने आंबेडकर जी को पत्र भेज कर खेद
जताया ।
6- इस प्रकार संविधान के निर्माण की पूरी
जिम्मेदारी डॉक्टर आंबेडकर के कंधो पर आ पड़ी
और उन्होंने अकेले देश के भविष्य की गाथा
लिखनी शुरू की और अपने अथक मेहनत और प्रयास
से
उन्होंने अकेले भारत का संविधान लिख डाला ।
जिसकी प्रशंसा आज सम्पूर्ण विश्व में होती है ।
संविधान लिखने के लिए 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा और बाबा साहब
आंबेडकर दिन रात लिखते ही गए । इसके बावजूद आंबेडकरजी ने सविधान निर्माण का श्रेय खुद न लेकर कुछ हिस्सा सवेधानिक सलाहकार और ड्राफ्टिंग कमेटी के सदस्यों को भी दिया । ऐसे महामानव बाबा साहब थे ।
जिस के लिए देश आज भी उन को शत शत नमन
करता है ।
इतना होते हुए भी भारत के ब्राह्मणवादी लोग आज
भी उन्हें वो सम्मान नही देते जितना उन्हें
मिलना चाहिए। जबकि इस महामानव की
विद्वता को जापान सहित पूरा विश्व
जानता है।
जय भीम
मंगलवार, 14 जून 2016
संविधान लेखन
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