अजाक्स समाचार
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दिनांक-20.6.2016 समय 12ः05 Pm .....................
M दिनांक-16.6.2016 को प्रतिनिधि मण्डल पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में चर्चा करने हेतु प्रांतीय अध्यक्ष अजाक्स सम्मानीय श्री जे.एन कांसोटिया,( IAS) से मार्गदर्षन हेतु भेट की प्रांतीय अध्यक्ष द्वारा बिन्दुवार चर्चा की गई एवं निर्देषित किया गया कि म.प्र. शासन द्वारा 15 जून 2016 को अधिकारी एवं कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देने हेतु ‘‘मंत्री परिषद समिति’’ गठित की गई है। समिति से सम्पर्क करे एवं पदान्नति में आरक्षण के संबंध में अपना पक्ष प्रस्तुत करें
दिये गये निर्देषो के पालन में दिनांक-19.06.2016 को अजाक्स प्रतिनिधि मण्डल द्वारा माननीय श्री गौरी शंकर सेजवार मंत्री, वन विभाग म.प्र. शासन से भेट की गई एवं निम्नानुसार बिन्दु माननीय श्री सेजवार जी के समक्ष प्रस्तुत किये गये।
1. सन् 1958 से 15.11.1992 तक आरक्षण की स्थितिः-
म.प्र. का गठन 1 नबम्बर 1956 को हुआ तबसे लेकर आरक्षित वर्ग को 1958 से 15.11.1992 तक सीधी भर्ती एवं पदोन्नति में आरक्षण का लाभ दिया जाता रहा लेकिन 16.11.1992 को इंदिरा साहनी विरूद्ध भारत शासन के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिशा निर्देश जारी किये गये कि सविंधान के article 16(4) के अंतर्गत सीधी भर्ती में आरक्षण दिया जा सकता है। पदोन्नति में नही। मंत्री जी को इस जानकारी से अवगत कराया।
2. 77वां संविधान संषोधन 1995ः-
इंदिरा साहनी प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये निर्देशो के पालन में भारत की संसद ने 77 वां संविधान संषोधन पारित किया तथा संविधान में । article 16(4A) जोड़ा गया जिसमें निर्देश दिये गये कि कोई भी राज्य सरकार में आरंक्षित वर्ग कॊ पिछडेपन,अपर्याप्त प्रतिनिधत्व,ऐफिसियन्सी का आक्कलन करते हुए पदोन्नति में आरक्षण दे सकता है। बाद में पदोन्नति में आरक्षण को शसक्त बनाने हेतु 81 वां, 82 वां,85 वां सवंधिान संषोधन वर्ष 2000 एवं 2001 में पारित किये गये। इस जानकारी से भी अवगत कराया।
3. पदोन्नति नियम 2002ः-
म.प्र. शासन द्वारा 11 जून 2002 को आरक्षित वर्ग को पदोन्नति में आरक्षण देने हेतु पदोन्न्ती नियम 2002 नियम बनाये गये तदानुसार विभिन्न विभागों में आरक्षित वर्ग को पदोन्नतियां दी गई। उपरोक्त नियम को 2002 में जबलपूर हाईकोर्ट में चेलेंज किया गया जबलपूर हाई कोर्ट द्वारा भी दिसम्बर 2002 में पदोन्नति नियमों को संवेधानिक बताया। निर्णय के विरूद्ध में अन्य वर्ग द्वारा सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की गई वहां भी निर्णय को मान्य किया गया। एवं पदोन्नति नियम 2002 को संवैधानिक बताया गया।
4. एम.नागराज विरूद्ध भारत शासन सुप्रीम कोर्ट का निर्णय वर्ष 2006
ः- माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा एम.नागराज विरूद्ध भारत शासन सुप्रीम कोर्ट का निर्णय 2006 के संदर्भ में गाईड लाईन जारी की गई कि पदोन्नति में आरक्षण देने हेतु निम्न प्रक्रिया का पालन किया जावें।
1. आरक्षित वर्ग के पिछडेंपन के आकडे।
2. आरक्षित वर्ग का शासकीय सेवाओं में अपर्याप्त प्रतिनिधत्व।
3. आरक्षित वर्ग की पदोन्नति से प्रषासनिक दक्क्षता में हुई वृद्धि।
उपरोक्त बिन्दुओ का पालन करने के उपरांत ही आरक्षित वर्ग को पदोन्नति में आरक्षण दिया जाये। इस जानकारी से भी माननीय मंत्री जी को अवगत कराया गया।
5. पदोन्नति में आरक्षण के विरूद्ध जबलपूर हाईकोर्ट का निर्णय प्रकरण क्र. 1942/2011 निर्णय दिनांक-30.4.2016ः-
माननीय उच्च न्यायालय जबलपूर द्वारा अपने निर्णय में कहा है कि पदोन्नति नियम 2002 असंवैधानिक है तथा पदोन्नति में आरक्षण का रोस्टर, बैकलाॅग,केरीफारवड बैकलाॅग, आरक्षण का प्रतिषत इत्यादि निरस्त किये जाते है क्योकि पदोन्नति नियम 2002 के अंतर्गत पदोन्नति दिया जाना एम.नागराज के निर्णय के अनुसार नही है।
6. माननीय उच्चतम् न्यायालय दिल्ली द्वारा पदोन्नति में आरक्षण के पक्ष मंे दिये गये विभिन्न निर्णयः-
माननीय उच्चतम् न्यायालय नई दिल्ली द्वारा पदोन्नति में आरक्षण के पक्ष में विभिन्न निर्णय लिये गये।
1. इंदिरा साहनी विरूद्ध भारत शासन प्रकरण क्रमांक- एस.सी.सी.217 निर्णय दिनांक- 16.11.1992
2. आर के सभरवाल विरूद्ध पंजाब सरकार प्रकरण क्रमांक-एस.सी.सी.745 निर्णय दिनांक-10.02.1995
3. अजित सिंह जुनेजा विरूद्ध पंजाब सरकार प्रकरण क्रमांक-एस.सी.सी.715 निर्णय दिनांक-01.03.1996
4. जगदीष लाल विरूद्ध हरियाणा सरकार प्रकरण क्रमांक-एस.सी.सी.538 निर्णय दिनांक-07.05.1997
5. ई.बी.चेनैया विरूद्ध आन्ध्र प्रदेश सरकार प्रकरण क्रमांक-एस.सी.सी.394 निर्णय दिनांक-05.11.2004
उपरोक्त निर्णयों में माननी Mahesh Ahirwar:
य उच्चतम न्यायालय द्वारा कहा गया है कि आरक्षित वर्ग की समाजिक एवं शेक्षणिक रूप से पिछडेंपन का परिक्षण नही किया जा सकता, इन पर क्रीमीलेयर लागू नही होती है आरक्षित वर्ग अनुसूचित जाति जनजाति के अत्यन्त पिछडे वर्ग की श्रेणी के सदस्य है संविधान के अनुछेद 15(4) एवं 16 (4) के अनुसार इनका प्र्याप्त प्रतिनिधत्व नही है इसलिये इनके पिछडेपन होने के संबंध में माइक्रोक्लासिफिकेषन करने की स्वीकृति नही दी जा सकती तथा आरक्षित वर्ग के सदस्यों को संविधान के अनुछेद 16(4।) के अनुसार पदोन्नति में आरक्षण देना संवैधानिक है। माननीय मंत्री जी को उपरोक्त प्रकरणों के संबंध में भी अवगत कराया गया।
7. माननीय उच्चतम् न्यायालय दिल्ली में म.प्र. शासन की पदोन्नति के संबंध में एस.एल’पी दायर करनाः-
म.प्र.शासन द्वारा पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में 3-4 मई 2016 को पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में एस.एल.पी दायर की गई जिसमें शासन द्वारा पक्ष रखा गया कि वर्ष 2002 से 2016 की समयावधि में पदोन्नत किये गये आरक्षित वर्ग के अधिकारी/कर्मचारियों को रिवर्ट न किया जाये आगे पदोन्नति में आरक्षण जारी रहेगा या नही इस संबंध में एस.एल.पी में कुछ नही कहा गया। माननीय उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में प्रथम सुनवाई 12 मई 2016 को की जा चुकी है। अगली सुनवाई 23 सितम्बर 2016 को निर्धारित है। म.प्र. शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता श्री मुकुल रोहतगी अटोरनी जनरल आॅफ इण्डिया नियुक्त किये गये।
8. अन्यः-
अजाक्स प्रतिनिध मण्डल द्वारा उपरोक्त जानकारी प्रस्तुत की गई एवं निम्नलिखित प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई।
1. अनुसूचित जनजाति अनुसंधान संस्थान (टी.आर.आई) से म.प्र. शासन आरक्षित वर्ग की 2002 से 2016 की समयावधि में समाजिक आर्थिक,षेक्षणिक पिछडे़पन एवं शासकीय सेवा में पर्याप्त प्रतिनिधित्व न होने के संबंध 15 दिवस में रिपार्ट तैयार की करायें।
2. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान शासन मुकुल रोहतगी अटोरनी जनरल आॅफ इण्डिया के अलावा श्री वेणु गोपाल, श्री पी.पी. राव, श्री. हरिष सालवें अधिवक्ताओं को नियुक्त करें।
3. सुप्रीम कोर्ट में शासन द्वारा प्रकरण कें संबंध में ओ आई सी की नियुक्ति की गई है अजाक्स के प्रस्ताव के आधार पर एक एडीसनल ‘‘ओ आई सी’’ नियुक्त किया जावें।
4. विभिन्न विभागों में रिक्त पदो के बैकलाॅग को अतिषीघ्र भरा जावें।
5. शासन नवीन पदोन्नति नियम 2016 बनाने की कार्यवाही करें।
उपरोक्त जानकारियां 19.06.2016 को माननीय श्री गौरी शंकर सेजवार मंत्री वन म.प्र. शासन को दी गई तथा लगभग 2 से 3 घटे की समयावधि में विस्तृत चर्चा हुई। अगले चरण की चर्चा के संबंध में ‘‘सेजवार कमेंटी’’ द्वारा बाद में बताया जा सकेगा।
श्री एस.एल. सूर्यवंषी
महासचिव प्रशासन
म.प्र. (अजाक्स) भोपाल के निदेषानुसार
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दिनांक-20.6.2016
एम.सी.अहिरवार
सदस्य विधि विधायी सेल
म.प्र. अजाक्स भोपाल
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