रविवार, 3 जून 2012

अहसास

दिल के कोने में कही एक गुलाब खिलता है
जैसे तस्वीर देखकर कही ख्वाब पलता है
जानता हू, पा  न सकूंगा तुमको
ये सोचकर मेरा ईमान  जलता है
दिल के कोने में कही एक ख्वाब पलता है
सजा लेता हू चंद सपनो को ,आँखों में
जैसे ही कोई ईद का चाँद दिखता है
दिल के कोने में कही एक ख्वाब पलता है
मिलेगी मुझसे ,थाम लेगी तू मेरा हाथ
सजा लूँगा दिल में सपने ,लाखो अहसास
दिल के किसी कोने में एक ख्वाब पलता है
फिर भी ये मेरा सपना था ,तुझसे मिलने का
तेरे सामने अपनी बात रखने का
दिल के कोने में कही एक ख्वाब पलता है

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