कठिन नहीं है शुद्ध हिन्दी - 20० ० ०श, ष और स पर कुछ और बातें करते हैं। बार बार लोग पूछतेहैं कि इनमें किनका प्रयोग कहाँ कर सकते हैं। यह स्पष्ट नहीं है और न ही कोई गणित का सूत्र भाषा में इसतरह का होता है कि मात्र रट्टा लगा जाने से सारा काम चल जाए। ष के लिए कुछ नियम हैं, जिन्हें हमने पिछले भाग में देखा है। स और श के लिए कुछ ऐसे नियम खोजे जा सकते हैं, जो अधिकांश स्थितियों में सही ठहरते हैं।यदि स और श एक साथ आते हों, तो श पहले और स बाद में होताहै, जैसे प्रशंसा, शासन, शस्य, नृशंस, अनुशंसा, अनुशासन,शस्त्र, शास्त्री आदि। सं, स और सु उपसर्ग से जुड़े शब्द होने पर यह नियम अपनी सीमा प्रदर्शित करने लगता है। उदाहरण के लिए संशय, सश्रम, सशक्त, सशरीर, सशंकित, सशस्त्र, सुशील, सुश्री, सुशांत, संशोधन, संश्रय, संश्लेषण आदि शब्द उपसर्गों के कारण पहले श, फिर स के स्थान पर पहले स, फिर श के नियम का पालन करते हैं।अंग्रेज़ी के जिन शब्दों में शन (tion या ssion) प्रत्यय रहता है, उनमें शन के स्थान पर सन नहीं लिखा जाना चाहिए। सेशन, कमीशन, एडमिशन, ट्रांसमिशन, मिशन, स्टेशन, एक्शन, फ़ैशन, जंक्शन आदि इसके उदाहरण हैं।स्ट, स्ट्री, क्स, नेस, एंस, आंस आदि से समाप्त होने वाले अंग्रेज़ी शब्दों में स होता है, जैसे फास्ट, लास्ट, हिस्ट्री, केमिस्ट्री, फ़िक्स, साइबरनेटिक्स, पॉलिटिक्स, टैक्स, डांस, चांस, एडवांस, लेंस, इंट्रेंस, डिफ़ेंस आदि में।च के पहले स का नहीं, श का प्रयोग होता है, जैसे निश्चय,पश्चिम आदि। स्च और ष्च कहीं नहीं मिलते।फ़ारसी के आइश या आयश और इश से समाप्त होने वाले शब्दों में अंत में श होता है, स नहीं, जैसे गुंजाइश, पैदाइश, आज़माइश, ख्वाहिश, कोशिश, तपिश, लरज़िश, कशिश, जुंबिश, गुंजायश, पैदायश, पेचिश आदि। अंग्रेज़ी के भी स्टाइलिश, स्पेनिश, इंग्लिश आदि में स नहीं लिखकर श लिखा जाता है।साज़, आस, सा आदि प्रत्ययों वाले शब्दों में प्रायः स होता है, श नहीं, जैसे घड़ीसाज़, रंगसाज़, मिठास, प्यास, खटास, उजास, जिज्ञासा, पिपासा, मीमांसा आदि।शः प्रत्यय वाले शब्दों में सः नहीं लगा सकते। क्रमशः, अक्षरशः, शब्दशः, कोटिशः आदि इसके उदाहरण हैं।श और ष जब एक साथ आते हैं, तब श पहले और ष बाद में आता है, जैसे शोषण, शेष, विशेष, शुष्क, विशेष्य, शिष्य आदि।स और ष के साथ रहने पर स पहले और ष बाद में आता है, जैसेसुषमा, सुषुप्त, सुषुम्ना आदि।कोष-कोश, केशर-केसर, कौशल्या-कौशल्या, केसरी-केशरी, वशिष्ठ-वसिष्ठ आदि शब्द दोनों रूपों में सही माने जाते हैं। विकास और कैलास प्रायः ग़लत लिखे जाते हैं। विकाश और कैलाश लिखना ठीक नहीं माना जा सकता। वैसे विकाश शब्द अर्थहीन नहीं है, उसक अर्थ है रौशनी, प्रकाश।तत्सम शब्दों का श प्रायः स में बदल जाता है, जैसे शाकसे साग, शूकर से सूअर, श्वसुर से ससुर, श्यामल से साँवला आदि।कष्टम, कश्टम, पोश्ट, पोष्ट, रजिष्टर, रजिश्टर आदि शब्द ग़लत हैं और नहीं लिखे जाने चाहिए। अंग्रेज़ी के शब्दों में टवर्ग के पहले ष का नियम काम नहीं करता। कस्टम, पोस्ट, रजिस्टर आदि शुद्ध हैं, इन्हें इसतरह ही लिखना चाहिए।सोचनीय और अमावश्या के शुद्ध रूप शोचनीय, अमावस्या हैं।अंग्रेज़ी के शब्द श् से शुरू नहीं होते, स् से हो सकते हैं। हाँ, श से शुरू हो सकते हैं, जैसे शर्ट, शूट आदि। सब-इंस्पक्टर जैसे सब उपसर्ग वाले शब्दों में सहै, श नहीं।केश का अर्थ बाल है, तो केस का का मुकदमा, बक्स। इसी तरह साला का अर्थ पत्नी का भाई है, तो शाला का स्कूल या विशेष स्थान। हिन्दी में दोष, संतोष, परितोष, आशुतोष, कोष जैसे तत्सम शब्द हैं, जो ष वाले हैं, तो कोस, ठोस, बोस जैसे स वाले शब्द भी हैं और अरबी फ़ारसी के होश, आगोश, खामोश, जोश, सरफ़रोश जैसे श वाले शब्द भी हैं। इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि श, ष और स का प्रयोग भी सावधानीपूर्वक करना चाहिए।एक सज्जन ने तीन प्रकार के स के कारण अंग्रेज़ी को ही सरल मानने की बात कही है। S, ss, sc, si, ce, io, sh, cc, c आदि अनेक शब्दांश अंग्रेज़ी में स और श के लिए हैं; जैसे Sea, lesson, nation, accept, except, shirt, since, science, scene आदि में। अंग्रेज़ी में शर्ट और स्काईमें एक ही स नहीं है।० ० ०जारी...
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