सोमवार, 3 अगस्त 2015

कठिन नही है शुद्ध हिंदी-भाग-23

कठिन नहीं है शुद्ध हिन्दी-23
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इकार पर बात आगे बढ़ाते हैं।
अरबी फ़ारसी के शब्द इ से शुरू होते हैं, ई से नहीं; गिनती के ही कुछ अपवाद हैं- ईजाद, ईरान, ईसाई, ईस्वी, ईमान आदि। इशारा, इबादत, इश्क़, इक़बाल, इलजाम, इनाम, इंतख़ाब, इनायत, इक़रार, इतवार, इमाम, इलाका, इजाफा, इजाजत, इमारत, इंतज़ार, इंतजाम, इल्म, इज़ारा, इजहार आदि इसके उदाहरण हैं।महादेशों, देशों, शहरों, ज़िलों, गाँवों आदि के नाम में अंत में या के पहले इकार होता है, ईकार नहीं। एशिया, अल्जीरिया, अल्बानिया, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, इण्डोनेशिया, इथियोपिया, कम्बोडिया, कोरिया, कोलम्बिया, गैम्बिया, जाम्बिया, ट्यूनीशिया, तंजानिया, नाइजीरिया, नामीबिया, बुल्गारिया, बोलिविया, मंगोलिया, मलयेशिया, रोमानिया, लीबिया, लाइबेरिया, सीरिया, एस्तोनिया, लात्विया, लिथुवानिया,आर्मेनिया, जॉर्जिया, क्रोएशिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, सर्बिया, सोमालिया; बेतिया, तिनसुकिया, खगड़िया, पूर्णिया, अररिया, उमरिया, बलिया, देवरिया; सिमरिया, करबिगहिया आदि इसके उदाहरण हैं।रामपुरिया, जयपुरिया आदि नामों में भी इया होगा।अन्वित, निष्ठ, पति, प्रिय, रहित, रचित, वृत्ति आदि प्रत्ययों वाले शब्दों में ईकार नहीं है, जैसे कार्यान्वित, समन्वित, राष्ट्रपति, पूँजीपति, सर्वप्रिय, लोकप्रिय, मनोवृत्ति, प्रवृत्ति आदि।इत्र, इंदा, इश, आइल, आइश आदि प्रत्ययों वाले शब्दों में ईकार नहीं होता, जैसे पवित्र, धारित्र, खनित्र, साधित्र; कारिंदा, बाशिंदा, दरिंदा, शर्मिंदा; कोशिश, तपिश, कशिश, गुज़ारिश, नालिश, परवरिश, मालिश, पॉलिश, फरमाइश; मोबाइल, फिनाइल, मिसाइल, स्टाइल, टाइल; पैदाइश,गुंजाइश आदि। चित्र, विचित्र, मित्र आदि में इकार हैै।स्तान से समाप्त होने वाले शब्दों में भी स्तान के पहले ईकार नहीं होता, इकार होता है, जैसे पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, उज्बेकिस्तान तुर्कमेनिस्तान,किर्ग़िस्तान, कज़ाकिस्तान, तज़ाकिस्तान, कब्रिस्तान आदि।ति (तीन के अर्थ में), बिल, बिला, फ़िल, तिर, बहि, आवि, डिप्टी आदि में ईकार नहीं होता, जैसे तिरंगा, तिकोना, तिपहिया, तिहरा, बिलकुल, बिलाशक, बिलादिमाग़, फ़िलहाल,फ़िलवक़्त, फ़िलहक़ीक़त, डिप्टी कमिश्नर, आविर्भाव, आविष्कार, तिरस्कार, तिरोहित, तिरोभाव, बहिष्कार, बहिर्गमन, बहिर्जगत् आदि।न्यूनवाचक शब्द किसी शब्द से बनते हैं और वे छोटे, तुच्छ और अनादर के तथा अतिशय प्रेम के अर्थ से सम्बद्ध होते हैं, जैसे बूढ़ी से बुढ़िया, गुड्डा से गुड़िया, आँख से अँखिया, बाजार से बजरिया, साँवला से साँवरिया, सजनी से सजनिया, बात से बतिया, रात से रतिया आदि। इनमें इया जुड़ जाता है। घटिया, कालिया, बनिया, बढ़िया, कनिया, सोनिया आदि इया वाले कुछ और शब्द हैं।इस्टर, इस्ट, इज़्म, इक, इकल से समाप्त होने वाले शब्दों में भी ईस्टर, ईस्ट, ईज़्म, ईक या ईकल नहीं लिखना बोलना चाहिए, जैसे केमीकल, मेडीकल, सोशलीस्ट, कम्युनीज़्म, रजीस्टर, क्लीनीक सही नहीं हैं; केमिकल, मेडिकल, सोशलिस्ट, रजिस्टर, क्लीनिक, सिस्टर, मिस्टर, कम्युनिज़्म आदि सही हैं।करना, जीना, पीना, लेना, देना आदि से बने किया, किए, जिया, जिए, पिया, लिया, लिए, दिया, दिए आदि में भी ईकार नहीं होता, इकार ही होता है।जिया, जियरा (जी) , हिया (हय), पिया (प्रीतम), मियाँ, सिया आदि में भी इकार होता है।जि से बना शब्द जित है और जितेंद्र, अजित आदि शब्द इसीसे निकले हैं, लेकिन जीतेंद्र और अजीत रूप भी चल पड़े हैं। यही हाल मित का है, अमित, सुमित जैसे शब्द अमीत औरसुमीत लिखे जा रहे हैं।० ० ०
जारी...

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