गुरुवार, 20 अगस्त 2015

सात जन्मों की शादी

शादी सात जन्मों का बंधन हैऐसा लोग मानते हैं । अगर ऐसा हैतो येनिश्चित कौन करेगा कि येआपका कौन सा जन्म है ? अगरइससे पहलेही आपका जन्म हो चुका है औरआपकी शादी भी हो चुकी थीतो फिरआपको शादी के लिए चिंताकरने की आवश्यकता क्या है ?आपकी शादी तो आपके पूर्वजन्म के साथी से होनीअनिवार्य है ।अगर इससे पहले आपका जन्म होचुका है तो फिर बार बार सातजन्मों तक साथ निभाने कीसौगंध क्यों खाई जाती हैंपिछलेजन्मों का हिसाब किताबकौन लगाएगा ? क्या पिछलेजन्मकी सभी शादियाँ बेकार होगयी जो दोबारा से सातजन्मों का साथ माँगरहे हो ? अगर शादी सात जन्मोंका बंधन है तो उसके लिए कुंडलीवगैरहमिलाने की क्या जरुरत है जोपिछले जन्म का साथी है शादीउससे अपनेआप हो जाएगी ? आप कहते होमानव जन्म 84 लाख योनियों केबादमिलता है और अगले जन्म उनकेकर्मों के हिसाब से मिलते हैंतो क्या ये सात जन्मों का बंधनमानव योनि में ही लागू होताहै या फिरसभी योनियों पर ? अगर हाँ तोपत्नी बहुत ही सुशील, नेक औरकर्तव्यपरायण है और पति बहुतही नीच और दुष्ट प्रवृत्ति कातो उनदोनों को जो अगला जन्ममिलेगा वो पत्नी के अच्छे कर्मोंके कारणमिलेगा या पति के बुरे कर्मों केकारण क्योंकि सात जन्म तकउनको हररूप में साथ निभाना है । अगरपत्नी के अच्छे कर्मो के कारणदोनों को उत्तम योनि मेंडाला जाता है तो क्या पत्नीके अच्छे कर्मों केकारण पति के बुरे कर्मों कोमाफ़ किया जा सकता है ?

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