मंगलवार, 18 अगस्त 2015

कठिन नही है शुद्ध हिंदी-भाग-26

कठिन नहीं है शुद्ध हिन्दी - 26
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पेशों, जाति आदि के नाम में भी अन्त में ईकार ही होता है। धोबी, मिस्त्री, कुर्मी, तेली, नाई, किरानी आदि इसके उदाहरण हैं।ची, गीन, नशीन, नवीस, ईना, आरी, औनी के साथ समाप्त होने वाले शब्दों में ईकार है, जैसे कानूनची, खजांची, ग़मगीन, परदानशीन, नकलनवीस, अखबारनवीस, कमीना, जुआरी, पुजारी, भिखारी आदि।अतीत, अधीन, अधीनता, अर्थी, आकांक्षी, अपेक्षी, आकीर्ण, कालीन, युगीन, जीव, जीवी, दायी, वीर, शाली, शील, हीन, दर्शी, गीर, बीन, शाही आदि में भी ईकार होगा, इकार नहीं, जैसे कालातीत, त्रिगुणातीत; विचाराधीन, पराधीन; स्वाधीनता, पराधीनता; विद्यार्थी, अभ्यर्थी, प्रार्थी; महत्वाकांक्षी, कृपाकांक्षी; उत्तरापेक्षी, फलापेक्षी; कंटकाकीर्ण; बौद्धकालीन, समकालीन, दीर्घकालीन, अल्पकालीन; बुद्धिजीवी, मसिजीवी, परजीवी; सुखदायी, फलदायी; कर्मवीर, दानवीर, महावीर, प्रवीर; भाग्यशाली, बलशाली; सुशील, क्षमाशील; गुणहीन, स्वादहीन; समदर्शी, दूरदर्शी; उठाईगीर, राहगीर, राजगीर; खुर्दबीन, दूरबीन; तानाशाही, नौकरशाही, लालफीताशाही आदि।लखनवी, बरेलवी, हिन्दवी, गजनवी जैसे स्थान पर आधारित शब्द भी ईकार से समाप्त होते हैं।मंत्री और प्राणी जैसे शब्द अकेले होने पर ईकार से समाप्त होते हैं, लेकिन जब इनके साथ बाद में आने वाला कोई शब्द मिलता है, तो ईकार के स्थान पर इकार होता है, जैसे प्राणिविज्ञ, प्राणिवज्ञान, प्राणिशास्त्र, मंत्रिमंडल, मंत्रिपरिषद् आदि।ईश वाले शब्दों में नीतीश शब्द का अशुद्ध रूप प्रायः देखने को मिलता है। कोई नितिश लिखता है, तो कोई नीतिश। यही हाल रवीश का है। रविश लिखना भीपूरी तरह ग़लत है। सतीश, वागीश, नीतीश, महीश, रवीश, कवीश, अमरीश, हरीश, अवनीश, रजनीश आदि शुद्ध रूप हैं। ईश, ईश्वर, ईश्वरी से समाप्त होने वाले शब्दों पर और इकार के बाद इन्द्र मिले शब्दों पर ध्यान रखना चाहिए। इनमें ईकार होता है, इकार नहीं। रविन्द्र भी प्रायः ग़लत रूप में लिखा जाने वाला शब्द है। रवीन्द्र, कवीन्द्र, यतीन्द्र, मुनीन्द्र, मुनीश्वर, कवीश्वर, परमेश्वरी, राजेश्वरी आदि शुद्ध रूप में लिखे गएहैं, इन्हें देखकर ईकार का एक प्रयोग समझा जा सकता है।निः के बाद र मिलकर नीर बनता है। संस्कृत में विसर्ग संधि का एक नियम इस बारे में बात स्पष्ट करता है। नीरज, नीरस, नीरोग, नीरव आदि के स्थान पर निरज, निरस, निरोग, निरव का प्रयोग उचित नहीं होगा। निरंजन, निरंकार, निराकार, निराशा, निरपेक्ष, निरसन, निरस्त्रीकरण आदि शब्दों में ऐसा नहीं होता, क्योंकि इनमें निः नहीं, नि उपसर्ग होता है।फी और डिप्टी से शुरू होने वाले शब्दों में भी फिऔर डिप्टि नहीं लिखा जाता। ध्यान रहे कि अंग्रेज़ी के शुद्ध उच्चारण की दृष्टि से डिप्टि ही सही है। फ़ीरोज़ शब्द सही है, लेकिन फ़िरोज़ ही अधिक प्रचलित रूप है।हम आगे देखेंगे कि पीटना और पिटना, सीखना और सिखाना आदि में इकार और ईकार का चक्कर कैसा है। पूजा, भीख, मीठा से बने पुजारी, भिखारी, मिठास पर भी आगे बात करेंगे।
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जारी...

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