गुरुवार, 20 अगस्त 2015

कठिन नही है शुद्ध हिंदी-भाग-27

कठिन नहीं है शुद्ध हिन्दी - 27
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ईकार की बात इस भाग तक सीमित रहेगी। आगे हम उकार और ऊकार पर चर्चा करेंगे।करण वाले शब्दों में सबसे ज़्यादा प्रचलित लेकिन अशुद्ध शब्द है 'सशक्तिकरण'। शुद्ध रूप सशक्तीकरण है, न कि सशक्तिकरण। जिस शब्द में करण (या कहें ईकरण) जुड़ता है, उसमें इकरण कहीं नहीं होता। तीन प्रकार के शब्दों में ईकरण लगता है; उदार, भूमंडल, विश्व, जगत्, समाज, घन, सम, कम्प्यूटर, समूह आदि अकार से समाप्त होने वाले शब्दों में ; निजी, पंजी जैसे ईकार से समाप्त होने वाले शब्दों में और शक्ति, विकृति, संस्कृति, राजनीति आदि इकार से समाप्त होने वालेशब्दों में। तीनों ही स्थितियों में करण के पहलेईकार आता है, न कि इकार और इस तरह उदारीकरण भूमंडलीकरण, वैश्वीकरण, जगतीकरण (जगदीकरण), समीकरण, कम्प्यूटरीकरण, घनीकरण, समाजीकरण, समूहीकरण, निजीकरण, पंजीकरण, सशक्तीकरण, संस्कृतीकरण, विकृतीकरण, राजनीतीकरण जैसे शब्द बनते हैं। शक्तीकृत, एकीकृत, कम्प्यूटरीकृत आदि शब्दों पर भी यही बात लागू होगी।अंग्रेज़ी शब्दों में ईकार के लफड़े से हम परिचित हो चुके हैं। डीज़ल, डील, फ़ीस, मैगज़ीन, कीबोर्ड, पीस, वीज़ा, स्पीड, स्पीच, स्पीकर, टीम, टीचर टीवी, हीटर, सीजन, सुप्रीम, स्टीमर, स्लीपर, मशीन, कैंटीन, लीग, लीज़, गीज़र, गेटकीपर, शीट, जीप, क्लीनर, फ़ील, फ़ीवर, क्रीम, क्रीज़ (सिलवट), थीम, ट्रीटमेंट, रेफ़री, मीटर, लीप, रीडर, रूटीन, ब्रीफ़केस, पीपुल, ब्लीडिंग, टीवी, रीयल, स्टील, ट्रस्टी जैसे शब्दों में हिन्दी में भी ईकार की परंपरा है और अंग्रेज़ी के सही उच्चारण में भी ईकार ही मिलता है। यह ध्यान रखना चाहिए कि अंग्रेज़ी में उच्चारण की प्रणाली में थोड़ी भिन्नता है। ऑक्सीजन, कॉलोनी, वैराइटी, हनीमून, रैली, हीरो, सप्लाई, कॉपी, कॉफी, हाई, हॉकी, हॉबी, ब्रांडी, थ्योरी, कैंडीडेट, जूरी, ज़ीरो, ड्यूटी, टॉफी, फैन्सी, सीडी, मनी, डैडी, ममी, डायरी, डाउरी, बोगी, टैक्सी, मूवी, मनीबैग, पार्टी, रेडी, डेमोक्रेसी, बैट्री आदि ऐसे कुछ शब्द हैं, जिन्हें हिन्दी में इसी रूप में लिखने की परंपराहै, लेकिन अंग्रेज़ी में इन शब्दों के शुद्ध उच्चारण में ईकार की जगह इकार है।जब एक शब्द में एक बार से अधिक इकार या ईकार आता है, तब उपसर्गों का ध्यान रखते हुए लिखना चाहिए। प्रतिनिधि, गतिशील आदि में गति और प्रति में इकार के साथ शब्द का अगला भाग आता है। वीथिका, गीतिका, प्रीति, नीति आदि कुछ ऐसे शब्द हैं, जिनमें पहले ईकार और बाद में इकार रहता है। विनीत, निशीथ आदि में पहले इकार वाला उपसर्ग है, बाद में अगला खंड।हिन्दी में 'कि' और 'की' की ग़लती आम है। एक बार जानलेने पर यह ग़लती हमेशा के लिए ठीक हो सकती है।'की' का प्रयोग मात्र दो ही स्थानों पर होता है; पहला सम्बन्ध बताने के लिए और दूसरा क्रिया के रूप में। पहले प्रकार के प्रयोग को समझने के लिए 'सीता की कलम' , 'मनोहर की किताब' , 'आपकी घड़ी' , 'उनलोगों की परीक्षा' , 'सबकी ज़मीन' जैसे उदाहरण देखे जा सकते हैं, जिनमें किसी वस्तु या बात का सम्बन्ध किसी व्यक्ति, वस्तु, बात आदि से दिखाया गया है। सम्बन्ध वाले शब्दों के अन्त में हमेशा ईकार होता है, जैसे तेरी, मेरी, अपनी, हमारी आदि में। दूसरे प्रकार के प्रयोग को समझने के लिए 'राम ने श्याम की पिटाई की' , 'उद्धव ने हमारी बुराई की' , 'जाँच की गई' जैसे वाक्य देखे जा सकते हैं। इनमें 'की' क्रिया के भाग के रूप में है।'कि' का प्रयोग तभी होता है, जब वाक्य या बात अपूर्ण हो और आगे कुछ कहने को बचा हो तब 'कि' कई रूपों में (गोयाकि, चूँकि, क्योंकि, जोकि, जैसा कि,जबकि, ताकि, हालाँकि आदि) आता है। 'उसने बताया कि आप कई दिनों से बीमार थे', 'माना कि राम के पास x किताबें हैं', 'जैसा कि आप जानते हैं', 'मैं समझ रहाथा कि वह रोहित का भाई है', 'वे लोग बता रहे थे कि यह घर उनका है' आदि को देखकर 'कि' का प्रयोग समझा जा सकता है। वाक्य में कुछ बचा रहे तब शेष भाग को जोड़ने वाले शब्द भी इकार से समाप्त होते हैं, जैसे तथापि, यद्यपि आदि।'की' के लिए अंग्रेज़ी में ऑफ (of) का प्रयोग होता है, जबकि 'कि' के लिए दैट (that) का।बीमार, बेईमान, तारीख, दीवार, श्रीमती, मंदिर, रात्रि, विधि, इच्छा, कठिनाइयों, अतिथि आदि शुद्ध हैं और श्रीमति, मन्दीर (नरेंद्र मोदी यही बोलते हैं), प्रीती, रात्री, विधी, कठिनाईयों, ईच्छा आदि अशुद्ध हैं। आदि और आदी, जाती और जाति भिन्न भिन्न अर्थों वाले शब्द हैं।'महीने' को प्रायः 'महिने' लिखा जाता है, सही रूप 'महीने' है। 'शिक्षा' शब्द मूल रूप में 'शीक्षा' था,लेकिन लंबे समय से वह 'शिक्षा' के रूप में ही स्वीकृत है।
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जारी...

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