रविवार, 28 जून 2015

कठिन नही है शुद्ध हिंदी-भाग-13

चंदन कुमार मिश्रकठिन नहीं है शुद्ध हिन्दी - 13० ० ०नुक़्ते की बात करें, तो हिन्दी में अनेक वैयाकरण और भाषावैज्ञानिक इसके प्रयोग का समर्थन करते हैं। हिन्दी में नुक़्ते के प्रयोग के विरोध में भी अनेक वैयाकरण और भाषावैज्ञानिक हैं। हम यहाँ नुक़्ते के प्रयोग के चलन को स्वीकारते हुए उस पर चर्चा करेंगे।नुक़्ते वाले पाँच अक्षर क़, ख़, ग़, ज़ और फ़ हैं।इनमें ज़ और फ़ अंग्रेज़ी में भी उच्चारित होते हैं। कई बार ड़ और ढ़ को मिलाकर नुक़्ते वाले अक्षरों की संख्या सात मानी जाती है। हम ड़ और ढ़पर विस्तार से चर्चा कर चुके हैं। अंग्रेज़ी (रोमन में कहना ज़्यादा उचित है) में भी क़, ग़, ज़और फ़ शब्दों पर असर डालते हैं। Gulzarbagh (गुलज़ारबाग़), Zakir (ज़ाकिर), Farhan (फ़रहान) और Quran (क़ुरान) जैसे शब्द इसके उदाहरण हैं। जहाँ क के लिए k, वहीं क़ के लिए q लिखा जाता है। इसी तरह ग के लिए g, ग़ के लिए gh, ज के लिए j, ज़ के लिए z, फ के लिए ph और फ़ के लिए f का प्रयोग होता है। नुक़्ते की जानकारी के बाद ही हम कुछ अक्षरों को रोमन में लिखते समय सही ढंग से व्यक्त कर सकेंगे। अकबर और इक़बाल में क के लिए 'के' लिखें या 'क्यू', यह बिना नुक़्ते के स्पष्ट नहीं हो सकता।भोजपुरी फ़िल्मों में भी नुक़्ते का प्रयोग नाम में अक्सर दिखाई पड़ने लगा है, जो उचित नहीं लगता। भोजपुरी में नुक़्ते वाले वर्ण स्वीकृत नहीं हैं। भोजपुरी गीत में भी हमने गाते समय ज़ान शब्द सुना है। भोजपुरी के गायक को उच्चारण की कुछ खास जानकारी नहीं है, हमें पूरी उम्मीद है। जबरदस्ती नुक़्ते को मिलाने की बीमारी ठीक नहीं है। इसी तरह जीवन को ज़ीवन कहना, एलकेजी को एलकेज़ी कहना भी सही नही है। कहाँ नुक़्ता है और कहाँ नहीं है, यह जानना कुछ मेहनत के बाद संभव हो पाता है। यह भी एक तथ्य ही मानकर चलें कि नुक़्तेको लेकर आपस में उनलोगों में भी असहमति है, जो नुक़्ते के प्रयोग के समर्थक हैं।अब हम नुक़्ते के कारण शब्द के अर्थ में परिवर्तन के कुछ उदाहरण देखेंगे।कदम का अर्थ कदम्ब के पेड़ से जुड़ा है, जबकि क़दमका अर्थ पग है। हल्का या हलका (कम भार, पतला आदि) मात्रा या परिमाण से जुड़ा शब्द है, तो हल्क़ा या हलक़ा परिधि, घेरा, क्षेत्र के लिए मीडिया का काफी प्रचलित शब्द है।खुदा (खुदा हुआ) और ख़ुदा (ईश्वर), खान (खदान) और ख़ान (फ़ारसी शब्द है, जिसका अर्थ सरदार, मालिक, स्वामी है और यह जातिसूचक भी है), गुल (फ़ारसी शब्द, अर्थ - पुष्प या फूल; खाने वाला नशीला पदार्थ भी है और बिजली जाने को भी गुल कहते हैं) और ग़ुल (फ़ारसी शब्द, अर्थ - शोर), नागा (जातीय समूह या नंगे रहने वाल साधु) और नाग़ा (अवकाश या ग़ैरहाज़िरी), जरा (वृद्धावस्था) और ज़रा (अरबी शब्द, अर्थ - थोड़ा, कम), जंग (फ़ारसी शब्द, अर्थ - युद्ध) और ज़ंग (फ़ारसी शब्द, जो लोहे में लगने वाले मोर्चे को बताता है), जाती (जाना क्रिया से जुड़ा या चमेली के लिए संस्कृत शब्द) और ज़ाती (अरबी शब्द, अर्थ -वस्तुगत, व्यक्तिगत, निजी), सजा (सजाया हुआ) और सज़ा (फ़ारसी शब्द, अर्थ - दंड), दर्ज (बही खाता लिखना, लिखा हुआ; अरबी शब्द है यह भी) और दर्ज़ (अरबी शब्द, अर्थ - दरार), राज (राज्य,शासन) और राज़ (फ़ारसी शब्द, रहस्य), फन (साँप की जीभ) और फ़न (कला), असफल (विफल) और असफ़ल (नीच, अधम) आदि कुछ ऐसे ही उदाहरण हैं, जिनमें नुक़्ते के कारण अर्थ बदल जाता है।० ० ०जारी...

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