मंगलवार, 9 जून 2015

कठिन नही है शुद्ध हिंदी-भाग-6

चंदन कुमार मिश्रकठिन नहीं है शुद्ध हिन्दी - 6० ० ०अक्षरों पर चल रही चर्चा अभी ज़ारी है। इस सिलसिले में आज हम ड, ड़, ढ, ढ आदि पर नज़र डालेंगे।पहले भी यह बात आई थी कि ड़ और ढ़ मुख्य वर्णमाला में न आकर बाद में जुड़ते हैं। पहली बात हम कहना चाहते हैं कि बिन्दी वाले ड यानी ड़, बिन्दी वाले ढ यानी ढ़, ङ, ञ और ण से कोई शब्द शुरू ही नहीं होता। इसलिए शब्द की शुरूआत में ड़ या ढ़ लगाना ठीक नहीं है। बहुत सारे लोग, लेखक, अच्छे पढ़े लिखे लोग भी यह ग़लती करते देखे जाते हैं। यह परंपरा ज़्यादा पुरानी नहीं लगती, यह नईपरंपरा ही लगती है, जो कुछ दशक पुरानी हो सकती है। अंग्रेज़ी या यूरोपीय भाषाओं और संस्कृत के शब्दों में ड़, ढ़ आते ही नहीं हैं। जैसे बैड़, कामरेड़, एड़ल्ट, एड़जस्ट, कार्ड़ आदि ग़लत हैं क्योंकि उच्चारण के लिहाज से इनमें ड आता है, ड़ नहीं। शुद्ध रूप बैड, कामरेड, एडल्ट, एडजस्ट, कार्ड हैं। र् (आधा र) के बाद तो ड़ या ढ़ आते ही नहीं कभी। आप ड बोलते हैं, तो ड़ लिखना और ड़ बोलते हैं तो ड लिखना, दोनों ही ग़लत है। गुड (अंग्रेज़ी का अच्छा), गुर (तरीका, कौशल) और गुड़ (गन्ने या चुकंदर से बनी चीज़ जो मीठी होती है) का फर्क आप जानते हैं। आप अगर अंग्रेज़ी के सही उच्चारण देखें तो आप पाएंगे कि वहाँ ड़ है ही नहीं। ढ़ की बात छोड़ ही दें, क्योंकि वहाँ ढ ही नहीं है। ड़ और ढ़ के लिए अंग्रेज़ी में क्रमशः d और rh लिखा जाता है। सवाल ड़-ड और ढ-ढ़ के सही प्रयोग का है। यह आसान है। बस इन बातों का ध्यान रखें। ड़ और ढ़ कभी संयुक्ताक्षर में नहीं आते (या कहें कि ड़ या ढ़ न तो किसी आधे अक्षर के बाद आते हैं, न इनका आधा रूप प्रयोगहोता है), जैसे हड्ड़ी या गड्ढ़ा, दोनों ग़लत हैं। इनके शुद्ध रूप हड्डी और गड्ढा हैं। ढ़ेर, ढ़क्कन, ढ़ोल, ढ़कोसला, ढ़ोना, ढ़ाबा, ड़ब्बा, ड़गर, ड़ंका, ड़ायरी आदि सारे शब्द अशुद्ध हैं। इन सबमें पहला अक्षर ढ या ड होना चाहिए क्योंकि ड़ या ढ़ से हिन्दी पट्टी में कोई शब्द शुरू ही नहीं होता। सही रूप ढेर, ढोल, ढक्कन, ढाबा, ढकोसला, डब्बा, डंका, डायरी आदि हैं। संस्कृत पढते लिखते समय भी हम ड़ या ढ़ का प्रयोग नहीं करते। इनके उच्चारण पर हम चर्चा कर चुके हैं। यहाँ ड़ और ढ़ कब कब नहीं लिखते, यह बताया गया है। फिर इनका प्रयोग करेंगे कहाँ! शब्द के बीच में या अंत में इनका प्रयोग कर सकते हैं, वह भी बिना चिंता किए। बीच या अंत के प्रयोग में यह छूट है कि हम ढ या ढ़ दोनों में से किसी का प्रयोग कर सकते हैं। ड या ड़ के मामले में यह छूट नहीं है। एक वाक्य में कहें तो जहाँ आप उच्चारण ड का करते हैं, वहाँ ड लिखें, जहाँ ड़ का करते हैं, वहाँ ड़ लिखें। ढ बोलते हों तो ढ लिखें और ढ़ बोलते हों तो ढ़। जैसे झंडा, भाड़ा, गाड़ी, गार्ड, कीड़ा, गुड्डी, गड्ढा, आढ़त आदि उदाहरण के तौर पर आप देख सकते हैं। कई शब्दों के दो रूप प्रचलित हैं, खासकर उन शब्दों के जिनमें ढ और ढ़ बीच में या अंत मेंआए। पढना-पढ़ना, गढ-गढ़, चढाई-चढ़ाई, बाढ-बाढ़, गाढी-गाढ़ी आदि ऐसे कुछ उदाहरण हैं। हाँ, उच्चारण की बात करें, तो पढना और पढ़ना में अंतर है। पढना को padhna और पढ़ना को parhna से समझ सकते हैं।मर्डर, हार्ड, बोर्ड, डोमेस्टिक, डस्टर, एडमिशन, डर्टी, डांस, डैश, डल, एडवोकेट, वर्ड, संस्कृत में गरुड, फ़्रांसीसी में मैडम आदि कुछ शब्दों में ड का प्रयोग हुआ है। खास बात यह है कि उच्चारण तो लोग सही करते हैं, लेकिन लिखते ग़लत हैं।
० ० ०ज़ारी...
कमेंट्स

अस्मुरारी नंदन मिश्रआपने जो दो प्रचलित रूपों के उदाहरण दिए हैं,वे सही नहीं हैं! यदि प्रचलन में हैं, फिर भी गलत हैं। दरअसल ड़,ढ़ क्रमशः ड और ढ के ही रूपहैं। स्वनिम शायद इसी को कहते हैं!Like·Reply·Report·2 hours agoचंदन कुमार मिश्रउनके उच्चारण अलग हैं.. स्पष्ट हैं... हमने पहले भी कहा था.. हम व्याकरण के विद्वान नहीं.. .भाषाविज्ञान में स्वनिम है.. पढना होगा... तब बता पाएंगे... शब्दकोश भी भेद कर रहे है संभवतः उनमें... फिर भी आप विस्तार से बताइए...हम बदल लेंगे..Like·Reply·Report·2 hours agoअस्मुरारी नंदन मिश्रइसका नियम है कि दो स्वरों के बीच में आने पर उच्चारण ड़ और ढ़ होता है! संयुक्त होने पर यानी किसी भी एक तरफ स्वर के नहीं होने पर ड और ढ होता है। बूढ़ा-बुड्ढा, गुड्डी- गुड़िया!Like·1·Reply·Report·2 hours ago2 repliesअस्मुरारी नंदन मिश्रहाँ! आपने भी वही बात की है, जैसे शुरू में ढ़ ड़ का न होना। अब नियम के स्पष्ट होने पर कारण पता चल जाता है।Like·1·Reply·Report·2 hours agoDeepak Kumar'स्वनिम'.....काअर्थ?Like·Reply·Report·2 hours agoअस्मुरारी नंदन मिश्रस्वनिम भाषा-विज्ञान का पद है। स्वनिम, संस्वन आदि में मैं स्पष्ट नहीं हूँ, इसलिए शायद का प्रयोग किया है। अभी विश्वसनीय जानकारी नहीं दे पाऊँगा।Like·2·Reply·Report·2 hours agoचंदन कुमार मिश्रस्वनिम फोनोग्राम का हिन्दी रूपांतर है, जिसे ध्वनिग्राम भी कहते हैं यह उच्चारित भाषा की विशेषता है, लिखित की नहीं। जैसे though में द् और दो स्वनिम हैं, लेकिन लेखिम 6 है़, टी एच ओ यू जी एच... बहुत सरल परिभाषा नहीं बता सकते... अभी भाषाविज्ञान में देख कर बता रहे हैं... हमने ई के लिए नौ उदाहरण दिए थे.. तो लिखने के 9 तरीके थे, लेकिन बोलने का बस एक ही तरीका... यही बोलना स्वनिम से संबद्ध है... अक्षरों को ही कह सकतेहैं बहुत सरलीकृत कर दें तोEdited·Like·Reply·Report·2 hours agoअस्मुरारी नंदन मिश्रआपने बिलकुल सही रूप दिया है। दो स्वरों के बीच में आने से यही रूप होगा।Like·Reply·Report·1 hour ago1 replyअस्मुरारी नंदन मिश्रब्+आ+ढ्+अ= बाढ़। प्+अ+ढ्+अ=पढ़।

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