डॉ.भीमराव अम्बेडकर के बारे में ऐसे तथ्य जो छिपे हुए
है
________________________________________
(प्रो.एवं इतिहासकार श्रीमान Tararam Gautam से
मिली जानकारी का हिन्दी अनुवाद)
कृपया अपना कीमती समय निकालकर डॉ. भीमराव
अम्बेडकर बारे में
छिपी बेशकीमती वास्तविकता को जानने का श्रम
करें....
अम्बेडकर के महान कार्य :-
एक भारतीय युवा के रूप में डॉ.भीमराव अम्बेडकर
की अधिकांश जानकारियों को साझा करते हुए
ख़ुशी और गर्व महसूस होता है |
हमारे "आधुनिक भारत के संस्थापक और पिता" के बारे
में अज्ञात तथ्य -
क्रांतिकारी डॉ .बाबासाहेब अम्बेडकर :-
आप सभी से मेरा विनम्र अनुरोध है की इसे पढ़ने के
बाद आगे से आगे साझा (share) करे-
1 . कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय इंग्लैंड 2011(विश्व
का शीर्ष विश्वविद्यालय) के अनुसार
दुनिया का पहला प्रतिभाशाली केवल एक भारतीय
व्यक्ति डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर है, जो इस
विश्वविद्यालय में सबसे शीर्ष स्थान पर रहा.
2 . प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार पाने वाले 6वे भारतीय
अर्थशास्त्री प्रो. अमर्त्य सेन का दावा है कि डॉ.
बी. आर. अम्बेडकर अर्थशास्त्र में मेरे पिता है".
3. भारत के प्रथम विधि/कानून मंत्री बाबा साहेब
डॉ. अम्बेडकर द्वारा भारतीय महिलाओं के उत्थान
के लिए बनाया गया "हिंदू कोड बिल'' जब
प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा पारित न हो सका तब
बाबा साहब अम्बेडकर ने पद से इस्तीफा दे दिया |
लेकिन यह दुर्भाग्य की बात रही महिलाओं का एक
भी संगठन इसके लिए आगे आकर बात नहीं कर सका |
भारत में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए
बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर ने इसके लिए बहुत प्रयास
किया | तीन साल तक उन्होंने इस बिल को पारित
करवाने के लिए लड़ाई लड़ी, उन्होंने कहा की यह बिल
भारतीय महिलाओं को गरिमा वापस दे रहा है ; और
लड़कों और लड़कियों को समान अधिकार देने
की बात करता है |मगर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के
नेतृत्व में सत्तारूढ़ पार्टी में कट्टरपंथियों ने इस बिल
पारित होने की अनुमति नहीं दी |
4- 1935 में गठित भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई)
का आधार बाबा साहेब डॉ. बी.आर. अम्बेडकर
द्वारा हिल्टन यंग कमीशन के समक्ष प्रस्तुत किये गए
विचारों के आधार पर किया गया था |
5 . डॉ. अम्बेडकर दामोदर घाटी परियोजना ,
हीराकुंड परियोजना , सूरजकुंड नदी-
घाटी परियोजना के निर्माता थे | डा. अम्बेडकर
की अध्यक्षता में 1945 में इसे बहुउद्देशीय उपयोग के
लिए महानदी के रूप में नियंत्रित कर के संभावित
लाभ में निवेश करने का फैसला किया गया था,
लेकिन अधिकांश नेतागण छिपे हुए थे और गलत तरीके
से बहुउद्देश्यीय नदी-घाटी परियोजनाओं के माध्यम
से औद्योगीकरण के लिए नेहरू की गलत
नीतियों का समर्थन करने के लिए उन्हें पूरी तरह से
जिम्मेदार ठहराया |
6 . डा. अम्बेडकर ने अति-महत्वपूर्ण आवश्यकताओं के
रूप में "ग्रिड सिस्टम" पर बल दिया जो आज
भी सफलतापूर्वक काम कर रहा है | आज
बिजली इंजीनियर जो प्रशिक्षण के लिए विदेश
जा रहे हैं, इनका श्रेय भी डॉ. अंबेडकर
को ही जाता है, जिन्होंने श्रम विभाग के एक
नेता के रूप में विदेशों में प्रशिक्षित सबसे अच्छे
इंजीनियरों के लिए नीति तैयार की है |
7 . मजदूरों के मुक्तिदाता- डॉ. अम्बेडकर ने भारत में
मजदूरों के लिए 8 घंटों का कार्य निर्धारण कर
श्रमिकों के लिए एक प्रकाशपुंज बन गये, 1942 से पूर्व
से 12 घंटे के रूप में चला आ रहा समय बदल कर 8 घंटे कर
दिया गया |
8. डॉ. अम्बेडकर ने बिजली उत्पादन और थर्मल पावर
स्टेशन की जांच पड़ताल की समस्या का विश्लेषण
करने, बिजली प्रणाली के विकास, जलविद्युत स्टेशन,
साइटों, हाइड्रो इलेक्ट्रिक सर्वे के लिए केन्द्रीय
तकनीकी विद्युत बोर्ड (CTPB) की स्थापना की.
9. डॉ. अम्बेडकर ने मार्च 1944 केन्द्रीय जल सिंचाई
और नेविगेशन आयोग (CWINC) की स्थापना की.
हमारे घर आज रौशनी से प्रदीप्त और हमारे खेतों में
हरियाली के रूप में फसले लहलहाती नजर आ रही है
तो इसकी वजह डॉ. अम्बेडकर की सुनियोजित व
तारकीय परियोजनाओं के रूप में भूमिका रही है |
आज भारत की अर्थव्यवस्था का एक
बड़ा हिस्सा इसी पर टिका हुआ है |
10-इस तरह भारत में जल प्रबंधन और विकास के रूप में
एक ऐसी अवधारणा है , तो इसका श्रेय डा. अंबेडकर
की चतुरता को जाता है, जिसने अपनी चतुरता से
प्राकृतिक संसाधनों के लिए भारत की सेवा रही हैं |
11- यह बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर
ही दूरदृष्टि थी वरन आज भारत में
बिजली की आपूर्ति से सिंचाई और अन्य विकास
कार्यो से देश की इस
स्थिति की कल्पना भी नहीं कर सकते |
12- जब द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो गया तब
कृषि, उद्योगों के विकास, पुनर्वास और
रक्षा सेवाओं की तैनाती में सुधार सहित
अर्थव्यवस्था में फिर से सुधार करने के रूप में भारत
को कई चुनौतियों का सामना करना था |
ऐसी विकट स्थिति में पुनर्निर्माण
समिति (आरसीसी) का गठन किया और डॉ.
अम्बेडकर को ही इस समिति के अध्यक्ष
की भूमिका सौंपी गई |
13 डॉ. अम्बेडकर उत्तरी और दक्षिणी राज्यों में मध्य
प्रदेश के विभाजन का सुझाव दिया था.
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के विभाजन से इन
दोनों राज्यों के लिए बेहतर विकास होगा | 1955 से
राजधानियों के रूप में पटना और रांची दो भागों में
विभाजित का सुझाव दिया था |
मगर लगभग 45 साल के बाद वर्ष 2000 में
दोनों राज्यों विभाजित किया गया और छत्तीसगढ़
और झारखंड का गठन किया गया.
14. डॉ. अम्बेडकर ही "भारत में महिलाओं के
अधिकारों के चैंपियन" है |
उन्होंने भारतीय महिलाओं की मुक्ति और
सशक्तिकरण के लिए लम्बे समय तक कठिन संघर्ष
किया और मजदूरों के लिए और भी कई कानून बनाये
गये. जैसे:-
*श्रम कल्याण निधि
* महंगाई भत्ते
* ई.एस.आई.
* भविष्य निधि अधिनियम
* महिला और बाल श्रम संरक्षण अधिनियम
(महिलाओं के श्रम बिल के लिए)
* मातृत्व लाभ
* तलाक अधिनियम
* संपत्ति के अधिकार
* दिहाड़ी-श्रमिकों को अवकाश लाभ .
*कर्मचारियों के लिए वेतनमान में संशोधन.
*खानों में भूमिगत कामकाजी महिलाओं पर प्रतिबंध
व पुनरुद्धार.
15. डॉ. अम्बेडकर ने भारत में रोजगार कार्यालय'
की स्थापना सहित कई श्रम सुधारों के बारे में लाने में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी..
16 . डॉ. अम्बेडकर के अलावा अन्य कोई
व्यक्ति नहीं था, जिसने संविधान में हर पांच साल में
एक वित्त आयोग के लिए प्रावधान शुरू किया हो |
17 . भारत के सभी तेरह वित्त आयोग की रिपोर्ट के
लिए संदर्भ का मूल स्रोत सदा ही डॉ. अम्बेडकर
की पी.एच.डी. के थीसिस- " भारत में अंग्रेजों के
प्रांतीय वित्त विकास" आधार रहा है |
18 . डॉ. अम्बेडकर ही सम्पूर्ण दक्षिण एशिया में
अर्थशास्त्र में पहले पी.एच.डी. और अर्थशास्त्र में डबल
डॉक्टरेट करने वाले पहले महापुरुष है |
19 . डा. अम्बेडकर
* भारत के पहले कानून मंत्री .
* मात्र एक भारतीय जिसकी तस्वीर लंदन के
संग्रहालय में "कार्ल मार्क्स" के साथ है .
* भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार .
* भारत के सबसे बड़े एवं प्रतिभाशाली वकील .
* पहले आदमी जिन्होंने इंदिरा गांधी की "चालाक
और मौसमी राजनेतागिरी" के बारे में खुले तौर पर
विरोध किया हो |
* भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दुश्मन और मुख्य
प्रतिद्वंदी |
* सार्वजनिक रूप में हिन्दू धर्म का "अमानवीय व
बेवकूफ-पुराण "मनुस्मृति" नामक पुस्तक को जलाने
वाले पहले महापुरुष |
* भारतीय मूल बौद्ध धम्म क्रांति के नायक और भारत
में धार्मिक पुनर्जागरणवादी नेता |
* लाखों पीड़ितों के पिता.
* राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में अपनाया गया अशोक
स्तम्भ जो शेर के रूप में जाना जाता है,तथा भारतीय
राष्ट्रीय ध्वज में धम्म का पहिया (चक्र),
जो दोनों सारनाथ में एक अशोक स्तंभ के रूप है,
इनका श्रेय भी अम्बेडकर को ही दिया जाता है |
* पहले भारतीय जो अर्थशास्त्र में एस.सी. स्नातक
की उपाधि प्राप्त है.
* डॉ. अम्बेडकर को सी.एन.एन., आई.बी.एन.,
हिस्टरी टीवी., एवं चैनल18 द्वारा "सबसे महान
भारतीय" के रूप में घोषित किया गया है |
* 1908 में भारत में दलित वर्ग से 10 वीं मैट्रिक
परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले प्रथम व्यक्ति है, गौरतलब
है की भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में उस
ज़माने के सबसे प्रतिभाशाली विद्यार्थी को 750 में
से सिर्फ 282 अंक मिले |क्या यह
जातिवादी घटिया मानसिकता नहीं कही जा सकती है ?
* 1912 में बी.ए. राजनीति और अर्थशास्त्र बंबई
विश्वविद्यालय |
* 1915 में अमेरिका से एम. ए. अर्थशास्त्र में अपने शोध
"प्राचीन भारतीय वाणिज्य" में |
* पीएचडी (ब्रिटिश भारत में प्रांतीय वित्त विकास
अर्थशास्त्र ) 1917 में कोलंबिया विश्वविद्यालय ,
अमेरिका में -
* DSC - ( थीसिस - रुपया की समस्या ) 1920 में
लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स |
* लंदन में 1924 में ग्रेज से कानून में बार .
* LLD - ( ऑनर्स )
कोलंबिया विश्वविद्यालय ,न्यूयॉर्क ,
अपनी उपलब्धियों , नेतृत्व और संलेखन ( भारत
का संविधान का )के लिए |
* डी. लिट - उस्मानिया विश्वविद्यालय
द्वारा सम्मानित भी.
* एम.एस.सी. लंदन
* राजनीतिक-अर्थशास्त्र जर्मनी .
* अर्थशास्त्र में पहला पी.एच.डी. महामानव और
अर्थशास्त्र में प्रथम डबल डॉक्टरेट भी |
महानतम डॉ. भीमराव अम्बेडकर
* संवैधानिज्ञ
* क्रांतिकारी
* बोधिसत्व
* एक सांसद
* अर्थशास्त्री
* समाजशास्त्री
* महान राजनीतिज्ञ
* भारतीय विधिवेत्ता
* बौद्ध कार्यकर्ता
* दार्शनिक
* विचारक
* मानवविज्ञानी
* इतिहासकार
* वक्ता
* विपुल लेखक
*आधुनिक भारत के महानतम समाज सुधारक और सच्चे
महानायक,
लेकिन "भारतीय जातिवादी-मानसिकता" से
सदा ही इस महापुरुष की उपेक्षा ही की गई |
बड़े ही दुर्भाग्य की बात रही है की भारत में हमेशा से
ही एक विशेष व उच्च वर्ग के नेता और उनके
कार्यों को स्कूल-कालेजों की बहुत सी किताबें में
और अन्य माध्यम से जगह मिली और उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर
प्रचारित किया जाता रहा |
मगर सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे महान-
लोगों के महान कार्यों को चित्रित
करना किसी को नहीं सिखाया गया |
विश्वसनीय सूत्रों का कहना है---
मैंने अपने स्कूल के दिनों में अम्बेडकर के बारे में
ऐसा कभी नहीं पढ़ा |
पढ़ा तो केवल- "अम्बेडकर - भारतीय कानून के पिता"
|
बिल्कुल सच है ऐसे महान व्यक्ति के बारे में कुछ
भी लिखने या प्रकाशित करते समय "भारतीय
जातिवादी मीडिया" की कलम से स्याही सूख
जाती है ..
जल्द ही भारतीयों के मन में परिवर्तन
किया जाएगा और अम्बेडकर के बारे अपने ज्ञान
को व्यापक किया जायेगा |
गुरुवार, 26 मार्च 2015
डॉ अम्बेडकर के कार्य
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें