चलो आज आपको भगवान श्री राम जी के वंश के बारे में बताता हूं ।।
ब्रह्माजी की उन्चालिसवी पीढ़ी में भगवाम श्रीराम का जन्म हुआ था ।।
हिंदू धर्म में श्री राम को श्रीहरि विष्णु का सातवाँ अवतार माना जाता है।
वैवस्वत मनु के दस पुत्र थे - इल, इक्ष्वाकु, कुशनाम, अरिष्ट, धृष्ट, नरिष्यन्त,करुष, महाबली, शर्याति और पृषध।
श्री राम का जन्म इक्ष्वाकु के कुल में हुआ था और जैन धर्म के तीर्थंकर निमि भी इसी कुल के थे।
मनु के दूसरे पुत्र इक्ष्वाकु से विकुक्षि,
निमि और दण्डक पुत्र उत्पन्न हुए।
इस तरह से यह वंश परम्परा चलते-चलते
हरिश्चन्द्र, रोहित, वृष, बाहु और सगरतक पहुँची।
इक्ष्वाकु प्राचीन कौशल देश के राजा थे और इनकी राजधानी अयोध्या थी।
रामायण के बालकांड में गुरु वशिष्ठजी द्वारा राम के कुल का वर्णन किया गया है जो इस प्रकार है ..........
१ - ब्रह्माजी से मरीचि हुए।
२ - मरीचि के पुत्र कश्यप हुए।
३ - कश्यप के पुत्र विवस्वान थे।
४ - विवस्वान के वैवस्वत मनु हुए.वैवस्वत मनु के समय जल प्रलय हुआ था।
५ - वैवस्वतमनु के दस पुत्रों में से एक का नाम इक्ष्वाकु था।
इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुलकी स्थापना की।
६ - इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि हुए।
७ - कुक्षि के पुत्र का नाम विकुक्षि था।
८ - विकुक्षि के पुत्र बाण हुए।
९ - बाण के पुत्र अनरण्य हुए।
१०- अनरण्य से पृथु हुए
११- पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ।
१२- त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार हुए।
१३- धुन्धुमार के पुत्र का नाम युवनाश्व था।
१४- युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुए।
१५- मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ।
१६- सुसन्धि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित।
१७- ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए।
१८- भरत के पुत्र असित हुए।
१९- असित के पुत्र सगर हुए।
२०- सगर के पुत्र का नाम असमंज था।
२१- असमंज के पुत्र अंशुमान हुए।
२२- अंशुमान के पुत्र दिलीप हुए।
२३- दिलीप के पुत्र भगीरथ हुए।
भागीरथ ने ही गंगा को पृथ्वी पर उतारा था.भागीरथ के पुत्र ककुत्स्थ थे।
२४- ककुत्स्थ के पुत्र रघु हुए।
रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी नरेश होने के कारण उनके बाद इस वंश का नाम रघुवंश हो गया,तब से श्री राम के कुल को रघु कुल भी कहा जाता है।
२५- रघु के पुत्र प्रवृद्ध हुए।
२६- प्रवृद्ध के पुत्र शंखण थे।
२७- शंखण के पुत्र सुदर्शन हुए।
२८- सुदर्शन के पुत्र का नाम अग्निवर्ण था।
२९- अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग हुए।
३०- शीघ्रग के पुत्र मरु हुए।
३१- मरु के पुत्र प्रशुश्रुक थे।
३२- प्रशुश्रुक के पुत्र अम्बरीष हुए।
३३- अम्बरीष के पुत्र का नाम नहुष था।
३४- नहुष के पुत्र ययाति हुए।
३५- ययाति के पुत्र नाभाग हुए।
३६- नाभाग के पुत्र का नाम अज था।
३७- अज के पुत्र दशरथ हुए।
३८- दशरथ के चार पुत्र राम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न हुए।
इस प्रकार ब्रह्मा की उन्चालिसवी (39) पीढ़ी में श्रीराम का जन्म हुआ.....
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम।
कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम। पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम।
भजु दीन बंधू दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम ।
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभुषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर - धुषणं।
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम।
मम हृदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम।
मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।
एही भाँती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजी पूनी पूनी मुदित मन मन्दिर चली।
जानी गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाए कहीं।
मंजुल मंगल मूल बाम अंग फ़र्क़न लगे।
जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे ।
इसीलिये कहते हैं श्री राम से बड़ा राम का नाम
सियावर रामचन्द्र की जय
ramayan ek kalpnik kahani hai
जवाब देंहटाएंsirf naam se kuchh nahi hota hai samay ki bhi jankari honi chahiye kab kaun paida hua hai......... ramayan and mahabharat ke sabhi patra kalpink hai
hamare etihas ho tod-marodkar hame hi padaya ja raha hai shriman ji
Ganga Ram ji lagta hai ke aap ko Ram ji mein vishwas nahi hai.Aap ke mann mein koi shanka hai kya.woh satya tha isi liye aaj unka naam chal raha hai.Sabse badi baat hai ki woh vishnu ji ke avtar thay.Hum aaps mein bhai hee hain.Isliye koi shanka hai toh hum aaps mein suljha sakte hai.
हटाएंGanga Ram ji lagta hai ke aap ko Ram ji mein vishwas nahi hai.Aap ke mann mein koi shanka hai kya.woh satya tha isi liye aaj unka naam chal raha hai.Sabse badi baat hai ki woh vishnu ji ke avtar thay.Hum aaps mein bhai hee hain.Isliye koi shanka hai toh hum aaps mein suljha sakte hai.
हटाएंगंगाराम वर्मा जी कभी हमारे दरबार में आना तब आपको पता चलेगा की रामायण और महाभारत काल्पनिक है अथवा सत्य क्योकि दरबार में श्री राम भी है श्री कृष्ण भी हैं और साथ परम भक्त श्री राम दूत हनुमान जी भी हैं
जवाब देंहटाएंऔर परम शक्ति भगवान् श्री सदा शिव की शक्ति को महसूस करना चाहो उनकी कृपा प्राप्त करना चाहो तो वो भो परम शक्ति के रूप में हम भक्तो के बीच विराजमान है
परम शक्ति माँ काली भी दरबार में अपनी छटा बिखेरती आपको नज़र आएँगी और हाँ ये कोई धोखा नहीं है
आप आइये और इन शक्तियो को महसूस कीजिये यदि महसूस न हो तो आपकी बात को मैं सत्य मान लूंगा
Varmaji aap Dr P.K.VARTK ji ne likha hubs VASTAV RAMAYAN Book Padh lijiye jo marathi bhasha me upalbdh hai.
जवाब देंहटाएंRamayana ki sabhi ghatanaye kab hui thi vo aaj ke date me scientifically explain kiya hai.
Ramayana is a true story